राज भाटिया जी और पीसी रामपुरिया जी
यह सुना-सुनाया किस्सा आपको समर्पित
एक जाट की भैंस गुम हो गई. अपने छोरे नै साथ लेकै जाट नै आसपास हर तरफ ढूंढ ली पर भाई भैंस ना मिली.
थक हार कै दोनों बापू बेटे रास्ते में आए हनुमान मंदिर में जाके भैंस मिलाने की प्रार्थना करने लगे. प्रार्थना समाप्त कर जाट जोर से हनुमान जी से बोला के हनुमान जी जे आज सवेरे तक भैंस मिलगी तो एक थन आपका. उसका दूध आपकै ही चढ़ेगा.
थोड़ी आगे चले तो देवी मंदिर आग्या. दोनों देवीमंदिर में जाके भैंस मिलाने की प्रार्थना करने लगे. प्रार्थना समाप्त कर जाट जोर से देवी भगवती से बोला के दुर्गा माता जे आज सवेरे तक भैंस मिलगी तो एक थन आपका उसका दूध आपकै ही चढ़ेगा.
थोड़ी और आगे चले तो भैंरों मंदिर आग्या. दोनों मंदिर में जाके भैंस मिलाने की प्रार्थना करने लगे. प्रार्थना समाप्त कर जाट जोर से भैंरों बाबा से बोला के हे बाबा जे आज सवेरे तक भैंस मिलगी तो एक थन आपका उसका दूध आपकै ही चढ़ेगा.
थोड़ी और आगे चले तो ग्रामदेवता का मंदिर आग्या. दोनों मंदिर में जाके भैंस मिलाने की प्रार्थना करने लगे प्रार्थना समाप्त कर जाट जोर से बोला के हे ग्राम देवता जे आज सवेरे तक भैंस मिलगी तो एक थन आपका उसका दूध आपकै ही चढ़ेगा.
यह सुनते ही उसके साथ खड़ा जाट का छोरा बोल्या बापू तनै तो चारों थन देवी देवताऒं में बांट दिये अब अगर भैंस मिल भी गई तो क्या फायदा ?
हम कौन से थन का दूध पीवेंगें ?
जाट बोल्या रै छोरे मैं जाट सूं तनै के समझ राख्या..
एक बार बस भैंस मिल जाण दे इन देवी-देवताऒं नै तो मैं आप देख ल्यूंगा
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12 वर्ष पहले