या बात उन दिनों की सै जब म्हारा ताऊ बोम्बे मैं रहया करै था
एक दिन भाटिया जी का जी कर पडा अक ईबकै तो जरमनी जाता होया ताऊ नै मिल कै जाऊंगा सो आव देख्या ना ताव भाटिया जी म्हारी भाभी अर भतीज्जों नै लेकै ताऊ कै पहोंचगे
दिन तो आवभगत अर मजाकबाजी मैं कट ग्या
रात होगी
भाटिया जी का वहीं रहण का इरादा देख कै ताई बोली, रे बीजमरे, यो तेरा भाटिया जी तो न्यू लाग्गै अक कुणबे नै लेकै अड़ैई सोवेगा.......... अर म्हारै फालतू खाट कोनी.......... ईब के करैं..........
ताऊ बोल्या.......... ताई बणगी अर अकल रिवाड़ी छोड़ यायी........... इस म्हं चिंता के........... यहां पड़ौस मैं नीरज जी रहवैं सैं उनकै तै खाट मांग ल्यावांगें............ मैं ईब गया अर ईब आया
न्यू कहकै ताऊ नीरज जी कै चाल पडया
नीरज जी नै दरवज्जे की घंटी सुणी अर दरवाजा खोलते ही ताऊ नै देख कै खुसी तै चिल्लाया.............. वैलकम.. स्वागतम.. वैलकम.. स्वागतम..
ताऊ हंसते होए भीत्तर आग्या
नीरज जी बोल्ले, ताऊ इस टैम क्यूक्कर...?
ताऊ नै बगैर किसी भूमिका कै सारी बात बता दी....... अक भाई तेरे धौरै फालतू बैड पडया हो तो दे दे..
नीरज जी बोले
ताऊ तनै तो पता ई सै.... अक मैं झूठ नहीं बोलता.... अर साच्ची बात या सै.... अक म्हारे घर मैं दो बैड सैं... एक पै म्हारी घरआली अर म्हारी माता जी सोवैं.... अर दूसरे पै मैं अर मेरे पिता जी सोवैं...
ताई बोल्या, रै नीरज जी, मनै पता सै.... थम झूठ नहीं बोलते......... थमनै जिसा कहया सै उसा ही होगा........ पर भाई एक बात कहूं बैड देण कै तो मारो गोली पर सोया तो कम तै कम तरीकै तै करो..........
--योगेन्द्र मौदगिल
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12 वर्ष पहले
रै नीरज जी, मनै पता सै.... थम झूठ नहीं बोलते......... थमनै जिसा कहया सै उसा ही होगा........ पर भाई एक बात कहूं बैड देण कै तो मारो गोली पर सोया तो कम तै कम तरीकै तै करो..........
जवाब देंहटाएंघणी ठाडी करि भाई निरज जी म्ह तो ताऊ नै. :)
रामराम.
अजी मौदगिल जी,
जवाब देंहटाएंपहलै तो न्यू ई बता दो अक यो नीरज कौण सै? कहीं थारा इशारा मेरी तरफा कू तो नी?
ताऊ तो है ही ताऊ, नीरज तो उस्तै बी उप्परला निकला.
भाई मोदगिल जी या तीन दिन म्ह तीसरि प्लास्टिक सर्जरी सै या किसीने ब्लाग पै कब्जा कर लिया. बिल्कुल पड्या लिख्या अंग्रेज लागै सै. यो ही आदमी तो आया था ताऊ के रिक्शे म्ह बैठने.:)
जवाब देंहटाएंरामराम.
अच्छी लगी हास्य रचना . काश मुझे भी राजस्थानी आती .
जवाब देंहटाएंभाई मोदगिल जी, ओर ताऊ जी अब कान खोल के सुन लो दोनो अब की बार जब भी मै भारत आया, एक महीना योगेन्द्र जी धोरे, ओए एक महीना इस ताऊ धोरे ठहरूगां इस लिये अभी से खाटोले का इन्तजाम कर लो, अगर आनाकानी करी तो दो चार गोरे भी साथ ले आऊगां , फ़िर चाहे धक्के मारियो लेकिन टीकड भी फ़ाडूगां ओर एक महीना आप सब के रह कर खुब खर्च भी करवाऊगां. योगेन्दर जी अ़च्छा किया आप ने पहले ही बता दिया.
जवाब देंहटाएंपानी पत दुर नही दिल्ली ओर रोहतक से, फ़िर पानी पत से सीधा योगेन्द्र जी की नयी कार से इंदोर....
चलो अपना तो काम बन गया.
आपका हार्दिक स्वागत है भाटिया जी.......
जवाब देंहटाएंवाह जी वाह अच्छा लगा और भाटिया जी थम के समझो सै के हरियाणा आले डर जावंगे कोनी डरांगे एक महीने बाद आ जाओ और जितने चाहो गोरे भी ले आओ हमने बी आदमियों का काम परे सै क्योंकि म्हारे खेत के गेहूं पक जावंगे कटाई कराण लई आ जाओ आप एक महीना तो क्या एक महीना सात दिन रहना खूब म्हारा काम सर जावैगा अर आपकी धमकी बी हो जाएगी पूरी तो फिर अबकी बार कटर नहीं मंगवाएंगे हम आप आओगे तो कटाई शुरू की जाएगी जल्दी आ जाओ मौदगिल जी आप भी कटर मत मंगवाना भाटिया जी आ रहे हैं हा हा हा
जवाब देंहटाएंमौदगिल साहब जी नमस्कार
जवाब देंहटाएंमौदगिल जी अपने ब्लाग पर फोलो वाला आप्शन चालू कर लो हम आपका फोलोअर बनना चाहते हैं
लगता है यू तो खाली रिश्तेदारों की चौपाल हो गई। हम भी आ गए इब आपकी चौपाल पर हुक्का पीणे। हमको भी शामिल कर लो जी जात बिरादरी में।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी लगी आपकी चौपाल ये हरियाण्वी है या राजस्थानीसीम तां पंजाबी ही जाण्दे हाँ आभार्
जवाब देंहटाएंअच्छी रचना पर बधाई व
जवाब देंहटाएंदीप सी जगमगाती जिन्दगी ्रहे
सुख-सरिता घर-मन्दिर में बहे
श्याम सखा श्याम
सच्ची कही ताऊ ने कि सोना तो तरीके से ही चाहिये ।
जवाब देंहटाएंbahut khoob.....:) :) :)
जवाब देंहटाएंकविराज के अठै एक चमचा वालो खानों नहीं दिख रह्यो से |मै भी चमचो बणन को इच्छुक थो | चेल वाली योग्ता नहीं से |
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