हर दड़बे म्हं भरे कबुत्तर.
खोट्टे अर कुछ खरे कबुत्तर.
बिल्ली आवण के खटके तै,
हाय, रात-दिन्न डरे कबुत्तर.
लकवा मार गया लाला नै,
और बिचारे मरे कबुत्तर.
प्रेम की चिट्ठी कांख दबाकै,
गुटर-गुटरगू करै कबुत्तर.
माट्टी के माट्टी म्हं मिलज्यैं,
मटमैल्ले-भुरभुरे कबुत्तर.
--योगेन्द्र मौदगिल
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13 वर्ष पहले
आप भी ना योगेन्द्र भाई....गजब ही हो...आपके फेन का तो जवाब ही नहीं....बार-बार सलाम....
जवाब देंहटाएंभाई यह बेचारे कबुतर.
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
लकवा मार गया लाला नै,
जवाब देंहटाएंऔर बिचारे मरे कबुत्तर.
बहुत जोरदार हैं आपके कबूतर ! धन्यवाद !
han bhaiyaya!...kab00taron ka to kehana hi kya?...padhhkar maja aa gaya!
जवाब देंहटाएंभाई योगिंदर जी, मैं तो यो जाणना चाहू के कबूतरां मै म्हारी कौण सी नसल सै. ईबी तक तो यो बी कोन्या बेरा पाटया.जे थम बतया सकौ तैं थारी बड़ी मेहरबाणी.
जवाब देंहटाएं"योगेन्द्र मौदगिल said...
कमाल है महाराज
लुधियाना म्हं बी जगाधरी नं वन याद आरी
हिरयाणा मैं कित के हो पंडित जी"
भाई योगिन्द्र जी, असल मैं जगाधरी मेरी जणमभूमी सै.बालक हौदें म्हारी बेबे दुध की ज्गयाह जगाधरी के पव्वे कै निप्पल ला कै मूहँ मै ठूसं दिया करे थी.पड़या सुत्ता रवेगा.
ईसी करकै जगाधरी न. 1 का पव्वा याद रैगया
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जवाब देंहटाएंअब ये ग़लत बात है ! जगाधरी न.१ तो भाटिया जी ने और आपने हमको दी थी फ़िर वत्स जी कहाँ ले उडे ? और सब ठीक पर जगाधरी हम ही रक्खेंगे ! :)
जवाब देंहटाएंprem ki chitthi khankh daba ke gutar gu kare kabutar.nice line...
जवाब देंहटाएंand thnx to giving suggestion....next time try to use devnagari font.
कबूतर द्वारा संदेश भेजना /लकवाग्रस्त व्यक्ति के बिस्तर पर कबूतर रखना /बिल्ली के डर से कबूतर का मर जाना अच्छी व्याख्या है /कबूतर की बीट बडी गुणकारी होती है और एक विशेष बात जो ऐ बडे बडे आलीशान महल होते है उनके ऊपर गुम्बज में ही कबूतरों का ठिकाना होता
जवाब देंहटाएंप्रेम की चिट्ठी कांख दबाकै,
जवाब देंहटाएंगुटर-गुटरगू करै कबुत्तर.
माट्टी के माट्टी म्हं मिलज्यैं,
मटमैल्ले-भुरभुरे कबुत्तर.
बहुत खूब भाई जी .
इन लाइनों में एक नया जीवन है .
आपकी रचनाओं में आनद आता है .
Atisundar .blog par aane ke liye shukriya .
जवाब देंहटाएंjai ho guru dev
जवाब देंहटाएंप्रेम की चिट्ठी कांख दबाकै,
गुटर-गुटरगू करै कबुत्तर.
माट्टी के माट्टी म्हं मिलज्यैं,
जवाब देंहटाएंमटमैल्ले-भुरभुरे कबुत्तर.
बहुत सही कहा आपने ,वैसे ये कबूतर आपने पकड़े कहाँ से ???
ये कबूतर कब उड़ कर जायेंगे भइया जी ,महिना भर तो हो गया चक्कर लगते
जवाब देंहटाएंसादर ब्लॉगस्ते,
जवाब देंहटाएंआपका यह संदेश अच्छा लगा। क्या आप भी मानते हैं कि पप्पू वास्तव में पास हो जगाया है। 'सुमित के तडके (गद्य)' पर पधारें और 'एक पत्र पप्पू के नाम' को पढ़कर अपने विचार प्रकट करें।
वाह योगेंदर जी,
जवाब देंहटाएंआपने तो आज यो मन सा प्रस्सन कर दिया. यो कबूतरा ने बेरा पाटेगा तो ससुरे खुशी से बावले हो जांगे. यो आपने भी खूब सोची इन कबूतरा पे लिखन की. भाई जी मजा आ गया. थारे को न्यू ही पढता रहू यो ही इच्छा है इब तो.