एक बै की बात...
तीन ताऊ कट्ठे होकै बीड़ी सुलगा कै खेत की मेंड पै बेट्ठे थे
तीनों के तीनों ग़मज़दा...
उदास...
चुचचाप सुट्टे मार मार कै हर फिकर नै देवानन्द की ढाल उड़ान लागरे थे..
इतने मैं सामणैं तै भूतनाथ युनिटी नै ले कै आग्या
दोनों नै यू नजारा देख कै घणा दुख होया
अक तीन-तीन ताऊ
तीनों के तीनों ग़मज़दा
उदास
चुचचाप सुट्टे मारण लागरे ना बोलरे ना बतलारे
युनिटी बोली भूतनाथ डारलिंग चाहे कुछ बी होजे
तू पूछ कै पता लगा अक यें उदास क्यूं
भूतनाथ नै सोच्ची अक यार यू तो एक ताऊ नै ई नाक म्हं दम कर राख्या था अड़ै तो तीन तीन
क्यूक्कर पूच्छूं
वो सोचण ही लागरह्या था अक युनिटी नै उसकी बांह मरोड़ दी ईब भला भूतनाथ की के हिम्मत
उन धौरै जा के बोलया
जै राम की सबनै
राम राम भाई बेठ जा अर या जो लुगाई सी लेरा है ना इसनै बी बिठ्या ले
दोनों बेठगे
भूतनाथ बोल्या मैं आप सबनै उदास देख कै अपणी डारलिंग समेत बहुत दुखी हूं कृपया अपणा दुख हम दोनो को बताइये क्यैंकि सुणा है कि दुख बताणे तै दुख हलका होजै
एक ताऊ बोल्या रै छोरे के करेगा जाण कै बणनी तो तेरे गेल बी न्यूई है
भूतनाथ बोल्या ताऊ बता दे बस इबतो
ताऊ बोल्या रै छोरे के बताऊं दरसल बात न्यू सै अक मनै ये लाग्गै अक तेरी ताई का चक्कर किसी मिस्त्री गेल चाल रहा
वो कैसे ताऊ
अरै मैं ईब जब बी घर जाऊ तै मनै कील चैब्बे हथोड़ी पड़ी मिलैं
हे राम.. ठाले मनै.. कह कै ताऊ डबल स्पीड तै सुट्टे मारण लागग्या..
भूतनाथ दूसरे ताऊ तै बोल्या ताऊ तू क्यूं उदास सै..?
दूसरा ताऊ बोल्या रै छोरे के करेगा जाण कै बणनी तो तेरे गेल बी न्यूई है
भूतनाथ बोल्या ताऊ बता दे बस इबतो
ताऊ बोल्या रै छोरे के बताऊं दरसल बात न्यू सै अक मनै ये लाग्गै अक तेरी ताई का चक्कर किसी पलम्बर गेल चाल रहा
वो कैसे ताऊ
अरै मैं ईब जब बी घर जाऊ तै मनै टोंटी पाइप पड़ी मिलैं
हे राम.. ठाले मनै.. कह कै ताऊ डबल स्पीड तै सुट्टे मारण लागग्या
भूतनाथ तीसरे ताऊ तै पूछण लाग्या ताऊ तू क्यूं उदास सै..?
तीसरा ताऊ बोल्या रै छोरे के करेगा जाण कै बणनी तो तेरे गेल बी न्यूई है
भूतनाथ बोल्या ताऊ बता दे बस इबतो
ताऊ बोल्या रै छोरे के बताऊं दरसल बात न्यू सै अक मनै ये लाग्गै अक तेरी ताई का चक्कर किसी घोड़े गेल चाल रहा
घोड़े गेल.... कमाल है... वो कैसे ताऊ..?
अरै मैं ईब जब बी घर जाऊ तै मनै घर म्हं तांगेवाला पड़ा मिलैं
हे राम.. ठाले मनै.. कह कै ताऊ डबल स्पीड तै सुट्टे मारण लागग्या
भूतनाथ तो सुणते ही युनिटी का हाथ पकड़ कै भाज लिया
--योगेन्द्र मौदगिल
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12 वर्ष पहले
हा...हा...हा! मज़ा आ गया!
जवाब देंहटाएंअब ये मेरे को बताना पडेगा की वो तीन ताऊ कौन थे ? सुनिए , पहला था ताऊ रामपुरिया दूसरा ताऊ था राज भाटिया जी और तीसरे तो आप ही थे ! कैसी रही ...? हां..हां...हां.............
जवाब देंहटाएंअरे भाई इस सुसरे भूतनाथ तैं क्यूँ पंचनामे कराण लाग रे हो इब ? घणा ऐ उत सै यो !
जवाब देंहटाएंपढ़ के मज़ा आ गया,हरयाणवी में चुटकला सुनने में बहुत ही अच्छा लगता है पढ़ के भी कम मज़ा नही आया ,इब तो थारे धोरे आण जाण लगेया रहेगा
जवाब देंहटाएंभाई बात न्यु से आज कल हामारा यार ( दुसरा ताऊ ) तिवारी साहब जी नहि दिखता.... शायद कही सुट्टा मारण गया होगा... बाकी सब ठीक शै यु घोडे का चक्कर समझ नही आया ????? दुसरी बात यह भुतनाथ तीनो गरीबो की बात सुन कै क्यु भाज गया???
जवाब देंहटाएंयोगेन्दर जी मजा आ गया
धन्यवाद
जोगेंद्र भैज्जा
जवाब देंहटाएंतुमाई पोस्ट बांच खैं खीबई आनन्द आओ
भैज्जा हमाए इतै सुई ऐंसइ होत है
मनो [किंतु] मैं Sunday, November 2, 2008
से आज लौं खोपडी खुजा रओ हों कै जे एक के तीन कैंसे भए
भये तो भये जो एकइ ताऊ कम हतो जो आप दो और ले आए
दद्दा नेट पै एकइ अच्छो चलो कोऊ बात नईयां आप दो के बारे
मैं बताओ बो कौन हथे
पढ़ के मज़ा आ गया../
जवाब देंहटाएंBahut badiya.
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