behavior="scroll" height="30">हिन्दी-हरियाणवी हास्व्यंग्य कवि सम्मेलन संयोजक एवं हिन्दी-हरियाणवी हास्व्यंग्य कवि योगेन्द्र मौदगिल का हरियाणवी धमाल, हरियाणवी कविताएं, हास्य व्यंग्य को समर्पित प्रयास ( संपर्कः o9466202099 / 09896202929 )

रविवार, 9 नवंबर 2008

फौज म्हं भरती होग्या ताऊ....

एक बै की बात...
माइ डीयर भाइयों अर डीयरेस्ट भाभियों

बात तब की सै जिब ताऊ जवान था उस टेम ताऊ मनोज कुमार की फिलम देख्या करता
फिलम देखता-देखता जोश म्हं आकै एक दिन्न फौज म्हं भरती होग्या
अर ट्रेनिंग पै चल्या गया

ईब भाई ट्रेनिंग आला मेजर सारा दिन ट्रेनिंग देता
ताऊ होग्या दुखी
दिमाग लड़ाया अक क्यूक्कर छुटकारा मिलै
हरियाणे का आदमी पीठ दिखा कै या मूं छिपा कै तो भाग्गै कोनी
ईब के करूं ?
ताऊ नै जितने बी देवी-देवता याद आये उनका नाम ले-ले कै तरकीब सोचणी सुरू करी
कमाल....!
कमाल का आइडिया रात नै ई आग्या....!
ताऊ सबेरे सबेरे मेजर धौरै पहोंचा अर बोल्या मेजर साब
म्हारे घरां तै फोन आया सै अक म्हारा बाप्पू चल बस्या थम हमनै उसके किरयाकरम खात्तर छुट्टी देद्यो
मेजर नै दे दी
ताऊ घरां चला गया देखते-देखते छुट्टियां बीतगी वापस फौज मैं आग्या
जी ईब बी ना लाग्गै सोच्या क्यूक्कर ल्यूं छुट्टी

हरियाणे का आदमी पीठ दिखा कै या मूं छिपा कै तो भाग्गै कोनी
ईब के करूं
ताऊ नै फेर जितने बी देवी-देवता याद आये उनका नाम ले-ले कै तरकीब सोचणी सुरू करी
कमाल
कमाल का आइडिया रात नै ई फेर आग्या
ताऊ सबेरे सबेरे मेजर धौरै पहोंचा अर बोल्या मेजर साब
म्हारे घरां तै फोन आया सै अक म्हारी मां चल बस्यी थम हमनै उसके किरयाकरम खात्तर छुट्टी देद्यो
मेजर नै दे दी
ताऊ घरां चला गया देखते-देखते छुट्टियां बीतगी वापस फौज मैं आग्या
जी ईब बी ना लाग्गै सोच्या क्यूक्कर ल्यूं छुट्टी

पर ताऊ के मान्नै था..?
ताऊ फेर सबेरे सबेरे मेजर धौरै पहोंचा अर बोल्या मेजर साब...
म्हारे घरां तै फोन आया सै अक म्हारा बापू चल बस्या थम हमनै उसके किरयाकरम खात्तर छुट्टी देद्यो
मेजर नै दे दी
ताऊ घरां चला गया देखते-देखते छुट्टियां बीतगी वापस फौज मैं आग्या
जी ईब बी ना लाग्गै सोच्या क्यूक्कर ल्यूं छुट्टी

पर कमाल.......... ताऊ के मान्नै था....?
ताऊ फेर सबेरे सबेरे मेजर धौरै पहोंचा अर बोल्या मेजर साब
म्हारे घरां तै फोन आया सै अक म्हारी मां चल बस्यी थम हमनै उसके किरयाकरम खात्तर छुट्टी देद्यो
मेजर नै दे दी ताऊ घरां चला गया

ये तरीका ताऊ नै जिब छटी-सातवीं बार दोहराया तो मेजर का माथा ठनका उसनै अपना कलर्क बुलाया अर सारी डिटेल कढ़वाई

कमाल की डिटेल ताऊ नै चार बेर बापू मार राखया अर पांच बेर मां...

मेजर नै ताऊ बुलाया अर बोल्या रै जवान मुझे तो तेरे पै बहोत यकीन था पर तू तो बहोत झूठा निकला

ताऊ बोल्या मेजर साब मैं सूं हरियाणे का झूठ नहीं बोलता आप मेरे पै गलत इल्जाम मत लगाऒ

मेजर नै डिटेल काढ़ कै उसके आग्गै धर दी अक् यू के सै ?
तू अगर झूठ नहीं बोलता तो बता यू चार बेर बापू का किरयाकरम अर पांच बेर मां का किरयाकरम क्यूक्कर कर्या

ताऊ बोल्या जी इसमैं झूठ के मैं तो असली का किरयाकरम कर कै आया

मेजर चिल्लाया रै ताऊ फेर झूठ बोल रह्या

ताऊ बोल्या रै मेजर साब चुप होजा मैं झूठ कोनी बोल रह्या ध्यान तै सुण
देख जिब पहली बार मेरा बापू मरा... मैं गया.. किरयाकरम कर कै आग्या.. मेरी मां नै दूसरा ब्याह कर लिया..
फेर मेरी मां मरगी... मैं गया.. किरयाकरम कर कै आग्या तो मेरे बापू नै दूसरा ब्याह कर लिया...
फेर मेरा वो बापू मरग्या... मैं गया किरयाकरम कर कै आग्या... तो मेरी इस मां नै दूसरा ब्याह कर लिया...
फेर मेरी या वाली मां मरगी... मैं गया.. किरयाकरम कर कै आग्या तो मेरे इस बापू नै दूसरा ब्याह कर लिया.

मेजर हाथ जोड़ कै बोल्या रै मेरे हरियाणवी बाप मान ग्या तनै
ईब तू चल्या जा भीत्तर....

ताऊ बोल्या जी... क्यूक्कर चल्या जाऊं... घरां तै फोन आया सै अक् मेरी मां मरगी छुट्टी देद्यो...
मेजर अपने बाल नोचता होया भाग खड्या होया....

अर म्हारा ताऊ खड्या खड्या सोच रहा.... अक मनै ईसा के कह दिया अक् यू मेजर न्यू ऐ भाज लिया.....
--योगेन्द्र मौदगिल

17 टिप्‍पणियां:

  1. ताऊ बोल्या जी... क्यूक्कर चल्या जाऊं... घरां तै फोन आया सै अक् मेरी मां मरगी छुट्टी देद्यो...
    मेजर अपने बाल नोचता होया भाग खड्या होया....

    मेजर इब नही उलझैगा ताऊ तैं ! और कभी छुट्टिया क लिए मना भी नही करैगा !

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  2. इसे कहते हैं अक्लमंद .
    अब वो ज़िंदगी में ताऊ से छुट्टी की ऍप्लिकेशन पर बात नहीं करेगा

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  3. ताऊ तो बहुत सायाना निकला, ओर मेजर की बुद्धि मर गई, धन्यवाद

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  4. ये ताऊ की छुट्टी मुझे ही केंसिल करानी पड़ेगी ! बिचारे फौजियों को भी चैन से नही रहने देता ! इसीलिए आजकल चाँद पर टंगा पडा है ! :)

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  5. ये ताऊ की छुट्टी मुझे ही केंसिल करानी पड़ेगी ! बिचारे फौजियों को भी चैन से नही रहने देता ! इसीलिए आजकल चाँद पर टंगा पडा है ! :)

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  6. ताऊ फौज में कितने दिन तक टिके रह सकते है?.... हमारे मन में शंका है!.... बढ़िया रचना!

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  7. ईब हमनै ताऊ पै गर्व हो रिया सै फौज में डटा रिया पर भाज्‍या कोनी क्‍योंकि

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  8. इतना न गुदगुदाओ की हँसते हँसते रो पड़ें /एक तो साइवर कैफे पर बैठा हूँ -पढ़ रहा हूँ मुस्करा रहा हूँ ,मुस्करा रहा हूँ पढ़ रहा हूँ लेकिन जब वो आपका ताऊ अन्तिम पेरा में किर्याकर्म के वाबत मेजर से कह रहा था तो मेरी ज़ोर से हंसी छूट गई पेट पकड़ लिए =आस पास बच्चे इकट्ठा हो गए पूछने लगे ताऊ के होया -में बोल्यो यो मेजर छुट्टी दे कोनी /मैं कल इस आर्टिकल को नोट करके ले जाऊंगा और उदासी सतायेगी ,तब इसको पढा करूंगा

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  9. इस हरियाणवी अंदाज़ का जवाब ही नहीं।

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  10. बेहतरीन शब्द संयोजन के साथ आनंदपूर्ण प्रस्तुति !

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  11. बाप रे बाप हंसता-हंसता दोहरा हो गया.....अद्भुत...दरअसल ये बातें हरियाणवी में ही जंचती भी हैं ना.....

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