खेत बेच कालोन्नी काट
नाप शहर के ठाटमठाट
पीकै लास्सी उठले जाट
बखत नहीं देक्खै सै बाट
बुरे बखत म्हं चून बी गील्ला
और गई झोट्टी बी नाट
दाने दे कै कुल्फी ल्याया
छोरे के मूंह लगगी चाट
दरवाज्जे के ढेक्कण रोया
नीम तलै तै उठगी खाट
सूरज डूब्या चाल मौदगिल
बालक देख रहें सैं बाट
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13 वर्ष पहले








लेखन का आपका यह अंदाज़ अच्छा लगा ! कृपया जारी रखियेगा !
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