एक बै की बात...
एक ताऊ था (मैं आदरणीय रामपुरिया जी की बात नहीं कर रहा हूं)
हां तो भाई एक था ताऊ. उमर लगभग ८० बरस. पता नी के चस्का चढया, के जी म्हं आया, अक् ताऊ नै एक २० साल की छोरी तै ब्याह कर लिया. तीन-चार महीन्ने होए तो ताऊ एक दन डाकटर धोरे पहुंच कै बोल्या डाक्टर साहब मन्नै न्यूं लाग्गै अक् मैं बाप बणन वाला सूं...
डाकटर बोल्या ताऊ बधाई... पर मैं तनै एक बात सुणाना चाहूं उसनै सुण ले
ताऊ बोल्या सुणा दे
डाकटर बोल्या, ताऊ एक शिकारी था. उसनै बहोत शेर-चीते मार राक्खे थे. एक दिन जब वो शिकार करण जंगल म्हं चाल्या पर गलती तै अपनी राइफल घरां भूलग्या. जंगल म्हं पहोंच्या इ था अक उसके सामने शेर आग्या. शेर नै दहाड़ मारी शिकारी नै बंदूक टोही तो सन्न रहगया. अक् रै बंदूक तो घरां ही रहगी पर शिकारी मैं आत्मविश्वास बहुत था उसनै हाथ मैं पकड़ रखी बेंत बंदूक वाली पोजीशन मैं शेर के मूंह कान्नी ताण दी
अचरच... महा अचरज.........
तभी धांय की आवाज आयी ऐसा लग्या बेंत म्हं तै गोली निकली सर शेर मरग्या.....
ईब बता ताऊ के समझा..?
ताऊ बोल्या रै डाक्टर बात साफ सै कोई लुका होया बंदा खडया था शिकारी के पाच्छै,
वो लेरह्या था बंदूक. गोली उसी म्ह तै चाल्ली वरना के बैंत मैं तै गोली चाल्लै ?
डाक्टर बोल्या ताऊ मैं तनै यूए समझाणा चाहूं था
समझग्या ना
--योगेन्द्र मौदगिल
http://signup.wazzub.info/?lrRef=4959b
12 वर्ष पहले
योगेन्दर जी क्या बात हे इसे कहते हे आंखे कही ओर निशाना कही पर , अब ७० ओर २० का अनुपात भी तो कही बिठाना था.
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
faDDe paa diye taaU ne to ! tau ka
जवाब देंहटाएंnam hi nam par kam kisaka ?
चाल्हे रौप दिए भाई तन्नै तो ! इब बेंत बरगी बन्दूक म्ह कित स बाप बनैगा ? :)
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया दी यो तो ! पर सवाल यो स भाई के वो था कुण ? कडी डाग्डर ..?
या थम भी ...?
भूत नाथ सब जानता है ! बताऊँ की वो कौन था ?
जवाब देंहटाएंताऊ भूतनाथ की बात पै ध्यान दे...
जवाब देंहटाएंमन्नै तो चोर की दाढ़ी म्हं तिणका अर्र तिणका के पूरी झाड़ू लाग्गै सै....
योगेंदर जी,
जवाब देंहटाएंजब भी आपके ब्लॉग पर आता हूँ ,हँसते हँसते पेट फूल जाता है ,ये किस्सा पहले भी सुना था पर आज लगा की इसमे किसी ने जान डाल दी हो...आप सादगी से अपनी बात कह देते हैं और सामने वाला तो बिना हंसे रह ही नहीं सकता ...एक और जबड़ पोस्ट के लिए शुभकामनाएं !!!!!!!!!!
भाई विक्रांत
जवाब देंहटाएंतुमने बड़ी बेशर्मी से मेरी सादगी की तारीफ कर दी
ईब मेरा जी कर रह्या सै
अक् एक किस्सा होर ठोक दूं