behavior="scroll" height="30">हिन्दी-हरियाणवी हास्व्यंग्य कवि सम्मेलन संयोजक एवं हिन्दी-हरियाणवी हास्व्यंग्य कवि योगेन्द्र मौदगिल का हरियाणवी धमाल, हरियाणवी कविताएं, हास्य व्यंग्य को समर्पित प्रयास ( संपर्कः o9466202099 / 09896202929 )

बुधवार, 20 अगस्त 2008

ढील्ला पड़ग्या उनका नाड़ा......

इधर सै ढफली उधर नगाड़ा, देख इलैक्सन का रौला.
लुच्चों का जम गया अखाड़ा, देख इलैक्सन का रौला.

मंतरीपद की चौद्धर म्हं जो चौड़े-चौड़े हांडै थे,
ढील्ला पड़ग्या उनका नाड़ा, देख इलैक्सन का रौला.

दल-दल म्हं कितने दलबदलू टिकट खैंच कै सफल हुए,
निष्ठा का तो भाग सै माड़ा, देख इलैक्सन का रौला.

चार दिनों की दारू-बांट नै दिन-धंदे बरबाद करे,
चौपाल्लों का होया कबाड़ा, देख इलैक्सन का रौला.

गलियों-गलियों, माइक-माइक, मंच-मंच, नेता-नेता,
रोज-रोज का होग्या खाड़ा, देख इलैक्सन का रौला.

मन्नै देदो वोट, मैं थारी चांदी-चांदी कर द्यूंगा,
चूहा बिल तै लिकड़ दहाड़ा, देख इलैक्सन का रौला.

राजनीत इस दौर 'मौदगिल' कल्चर तै ऊंची होगी,
बिल्ली नै न्यूं शेर पछाड़ा, देख इलैक्सन का रौला.
--योगेन्द्र मौदगिल

3 टिप्‍पणियां:

  1. राजनीत इस दौर 'मौदगिल' कल्चर तै ऊंची होगी,
    बिल्ली नै न्यूं शेर पछाड़ा, देख इलैक्सन का रौला.


    भाई घणा तगड़ा सिक्सर धर दिया आज त !
    मजे आगये ! ज्यूँ ज्यूँ चुणाव का रौला उठेगा
    त न्यू ऐ "बिल्ली नै न्यूं शेर पछाड़ा,"
    बहुत धन्यवाद !

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  2. "राजनीत इस दौर 'मौदगिल' कल्चर तै ऊंची होगी,
    बिल्ली नै न्यूं शेर पछाड़ा, देख इलैक्सन का रौला."


    सही में सिक्सेर जड़ दिया !!!!!!!!!

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  3. ढील्ला पड़ग्या उनका नाड़ा, बिलकुल सही कहा. धन्यवाद, मेरी नजर से यह सब केसे बच गये पता नही वेसे मे ४, ५ दिन काफ़ी बिजी भी रहा घर मे, अगर यह सब ना पढता तो मुझे अफ़सोस होता कितनी सुन्दर कविताये को देता
    धन्यवाद

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