behavior="scroll" height="30">हिन्दी-हरियाणवी हास्व्यंग्य कवि सम्मेलन संयोजक एवं हिन्दी-हरियाणवी हास्व्यंग्य कवि योगेन्द्र मौदगिल का हरियाणवी धमाल, हरियाणवी कविताएं, हास्य व्यंग्य को समर्पित प्रयास ( संपर्कः o9466202099 / 09896202929 )

गुरुवार, 1 मई 2008

सोद्दा

पढ़ कर कै अखबार
म्हारे ताऊ तै बोल्ली ताई
किसा कलजुग आग्या
एक आदमी नै
सैकल के बदले बेच दी
अपणी लुगाई
सुण कै ताऊ बोल्या
वाकई कलजुग आग्या
मैं तो
इसे आदमियां के सर पै जूत धरूं
अर्र मेरे धौरे
इसा सोद्दा आजै नी
मैं तो मोटरसैकल तै घाट
बात ना करूं
--योगेन्द्र मौदगिल

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