पढ़ कर कै अखबार
म्हारे ताऊ तै बोल्ली ताई
किसा कलजुग आग्या
एक आदमी नै
सैकल के बदले बेच दी
अपणी लुगाई
सुण कै ताऊ बोल्या
वाकई कलजुग आग्या
मैं तो
इसे आदमियां के सर पै जूत धरूं
अर्र मेरे धौरे
इसा सोद्दा आजै नी
मैं तो मोटरसैकल तै घाट
बात ना करूं
--योगेन्द्र मौदगिल
http://signup.wazzub.info/?lrRef=4959b
13 वर्ष पहले








कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें