tag:blogger.com,1999:blog-2042535947250122192023-09-13T02:02:14.608-07:00हरियाणा एक्सप्रैसयोगेन्द्र मौदगिलhttp://www.blogger.com/profile/14778289379036332242noreply@blogger.comBlogger39125tag:blogger.com,1999:blog-204253594725012219.post-40413118101959097092009-02-21T07:08:00.000-08:002009-02-21T07:09:02.600-08:00चोपाली किस्साराज भाटिया जी और पीसी रामपुरिया जी<br />यह सुना-सुनाया किस्सा आपको समर्पित<br /><br />एक जाट की भैंस गुम हो गई. अपने छोरे नै साथ लेकै जाट नै आसपास हर तरफ ढूंढ ली पर भाई भैंस ना मिली.<br />थक हार कै दोनों बापू बेटे रास्ते में आए हनुमान मंदिर में जाके भैंस मिलाने की प्रार्थना करने लगे. प्रार्थना समाप्त कर जाट जोर से हनुमान जी से बोला के हनुमान जी जे आज सवेरे तक भैंस मिलगी तो एक थन आपका. उसका दूध आपकै ही चढ़ेगा.<br /><br />थोड़ी आगे चले तो देवी मंदिर आग्या. दोनों देवीमंदिर में जाके भैंस मिलाने की प्रार्थना करने लगे. प्रार्थना समाप्त कर जाट जोर से देवी भगवती से बोला के दुर्गा माता जे आज सवेरे तक भैंस मिलगी तो एक थन आपका उसका दूध आपकै ही चढ़ेगा.<br /><br />थोड़ी और आगे चले तो भैंरों मंदिर आग्या. दोनों मंदिर में जाके भैंस मिलाने की प्रार्थना करने लगे. प्रार्थना समाप्त कर जाट जोर से भैंरों बाबा से बोला के हे बाबा जे आज सवेरे तक भैंस मिलगी तो एक थन आपका उसका दूध आपकै ही चढ़ेगा.<br /><br />थोड़ी और आगे चले तो ग्रामदेवता का मंदिर आग्या. दोनों मंदिर में जाके भैंस मिलाने की प्रार्थना करने लगे प्रार्थना समाप्त कर जाट जोर से बोला के हे ग्राम देवता जे आज सवेरे तक भैंस मिलगी तो एक थन आपका उसका दूध आपकै ही चढ़ेगा.<br /><br />यह सुनते ही उसके साथ खड़ा जाट का छोरा बोल्या बापू तनै तो चारों थन देवी देवताऒं में बांट दिये अब अगर भैंस मिल भी गई तो क्या फायदा ? <br />हम कौन से थन का दूध पीवेंगें ?<br />जाट बोल्या रै छोरे मैं जाट सूं तनै के समझ राख्या..<br />एक बार बस भैंस मिल जाण दे इन देवी-देवताऒं नै तो मैं आप देख ल्यूंगायोगेन्द्र मौदगिलhttp://www.blogger.com/profile/14778289379036332242noreply@blogger.com38tag:blogger.com,1999:blog-204253594725012219.post-68241229034187951472009-02-10T07:53:00.000-08:002009-02-10T23:00:39.173-08:00हरियाणवी ग़ज़लताऊ रामपुरिया को ताई सहित सादर समर्पित<br /><br />इसी बात का रौला सै.<br />देख मकौड़ा धौला सै.<br /><br />टूम पहन कै ठुमक रह्या,<br />वो बी कितना बौला सै.<br /><br />बरगद सै हैरान घणा,<br />दो भिण्डी का कौला सै.<br /><br />जो फसग्या सो घाल्लिया,<br />तन बी ससुरा झौला सै.<br /><br />गुलदाणे मैं खुस्स होग्या<br />हनुमान तो भौला सै<br />--योगेन्द्र मौदगिलयोगेन्द्र मौदगिलhttp://www.blogger.com/profile/14778289379036332242noreply@blogger.com7tag:blogger.com,1999:blog-204253594725012219.post-46911348300773789702009-01-28T06:45:00.000-08:002009-01-28T06:50:21.285-08:00म्हारा ताऊ .......या बात उन दिनों की सै जब म्हारा ताऊ बोम्बे मैं रहया करै था<br /> एक दिन भाटिया जी का जी कर पडा अक ईबकै तो जरमनी जाता होया ताऊ नै मिल कै जाऊंगा सो आव देख्या ना ताव भाटिया जी म्हारी भाभी अर भतीज्जों नै लेकै ताऊ कै पहोंचगे <br />दिन तो आवभगत अर मजाकबाजी मैं कट ग्या <br />रात होगी <br /><br />भाटिया जी का वहीं रहण का इरादा देख कै ताई बोली, रे बीजमरे, यो तेरा भाटिया जी तो न्यू लाग्गै अक कुणबे नै लेकै अड़ैई सोवेगा.......... अर म्हारै फालतू खाट कोनी.......... ईब के करैं..........<br /> ताऊ बोल्या.......... ताई बणगी अर अकल रिवाड़ी छोड़ यायी........... इस म्हं चिंता के........... यहां पड़ौस मैं नीरज जी रहवैं सैं उनकै तै खाट मांग ल्यावांगें............ मैं ईब गया अर ईब आया<br /><br />न्यू कहकै ताऊ नीरज जी कै चाल पडया <br />नीरज जी नै दरवज्जे की घंटी सुणी अर दरवाजा खोलते ही ताऊ नै देख कै खुसी तै चिल्लाया.............. वैलकम.. स्वागतम.. वैलकम.. स्वागतम..<br /> <br />ताऊ हंसते होए भीत्तर आग्या<br /><br />नीरज जी बोल्ले, ताऊ इस टैम क्यूक्कर...?<br /><br />ताऊ नै बगैर किसी भूमिका कै सारी बात बता दी....... अक भाई तेरे धौरै फालतू बैड पडया हो तो दे दे..<br /> <br />नीरज जी बोले <br />ताऊ तनै तो पता ई सै.... अक मैं झूठ नहीं बोलता.... अर साच्ची बात या सै.... अक म्हारे घर मैं दो बैड सैं... एक पै म्हारी घरआली अर म्हारी माता जी सोवैं.... अर दूसरे पै मैं अर मेरे पिता जी सोवैं...<br /><br />ताई बोल्या, रै नीरज जी, मनै पता सै.... थम झूठ नहीं बोलते......... थमनै जिसा कहया सै उसा ही होगा........ पर भाई एक बात कहूं बैड देण कै तो मारो गोली पर सोया तो कम तै कम तरीकै तै करो..........<br />--योगेन्द्र मौदगिलयोगेन्द्र मौदगिलhttp://www.blogger.com/profile/14778289379036332242noreply@blogger.com14tag:blogger.com,1999:blog-204253594725012219.post-73463601123797631142009-01-27T02:16:00.000-08:002009-01-27T02:17:44.327-08:00काम करया कर.....छोट्टा-मोट्टा काम करया कर.<br />खुद नै मत बदनाम करया कर.<br /><br />मन्दर की आमदण नै देख,<br />तों बी राम्मेराम करया कर.<br /><br />लोडस्पीकर लेकै प्यारे,<br />नेता नै परणाम करया कर.<br /><br />मिलै मुफत तो गेर गोझ म्हं,<br />गुड़ का काम तमाम करया कर.<br /><br />खास-खास तो खास-खास सैं,<br />इन खास्सों नै आम करया कर.<br />--योगेन्द्र मौदगिलयोगेन्द्र मौदगिलhttp://www.blogger.com/profile/14778289379036332242noreply@blogger.com4tag:blogger.com,1999:blog-204253594725012219.post-1922065078999281202009-01-25T05:30:00.000-08:002009-01-25T05:31:53.719-08:00पीसे का..........कुटुमकबीला पीसे का.<br />इब्तो हील्ला पीसे का.<br /><br />उसनै मारै सै दुनिया, <br />वो सै ढील्ला पीसे का.<br /><br />देख करोंड़ों का होग्या,<br />अपणा कील्ला पीसे का.<br /><br />गई जो दमड़ी मरज्येगा,<br />वो मरघिल्ला पीसे का.<br /><br />झटका ऊप्परआले का,<br />टूटग्या टील्ला पीसे का.<br />--योगेन्द्र मौदगिलयोगेन्द्र मौदगिलhttp://www.blogger.com/profile/14778289379036332242noreply@blogger.com2tag:blogger.com,1999:blog-204253594725012219.post-81608792313265741432009-01-03T06:52:00.000-08:002009-01-03T07:12:06.424-08:00महा कमीणएक बर की बात...<br />म्हारे महाकंजूस ताऊ के खानदानी पंडत नै बताया अक् ताऊ, अगर तू जिंदगी मैं और भी मजे लेण चाहवै तो पांच कमीणों को भोजन करवा दे...<br />ईब भाई ताऊ महा कंजूस... पांच कमीणों नै भोजन क्यूक्कर करवावै...?<br />सोच म्हं पड़ग्या....<br /><br />ताई बोल्ली, रै ताऊ, सोच मैं ना पड़ै, तेरा जनम संवर जे गा, पांच कमीणों नै भोजन करवा दे....<br />ताऊ बोल्या पर पांच कमीण मिलेंगें कहां...?<br /><br />ताई बोल्ली, घबरावै मत, गाम के बाहर पुलिस चौक्की सै, पांच पुलिसिये जिमा दे, बस होग्या काम....<br />ताऊ नै बी बात जंच गी अर उसनै पांच पुलिस आले जिमा दिये.....<br /><br />सारे गाम म्हं रुक्का पड़ग्या..<br /><br />अर अगले ई दिन बिजली वाले ताऊ के घरां पहोंचगे...<br />अर बोल्ले, रै ताऊ, तनै यै के करया, म्हारे महकमे की नाक कटवा दी... पांच पुलिसिये जिमा दिये.... तू तो मान्या होया कंजूस सै... नयू बता तनै यें क्यूं जिमाये.....?<br /><br />ताऊ बिचारा सीधा सादा. साफ-साफ बता दी. अक भाई पंडत नै कहया था, अक पांच कमीण जिमाणें सैं, तो मन्नै पांच पुलिसिये जिमा दिये....<br /><br />या सुणते ई बिजली आले नै ताऊ कै दो धरे.... अर बोलया.... रै ताऊ, तनै सरम कोनी आई...?<br /><br />तनै पांच पुलिस आले जिमाये.... बस एक बिजली आले नै जिमा देत्ता....<br /><br />तनै बेरा कोनी... एक बिजली आला पांच पुलिसियां के बरोब्बर सै.....योगेन्द्र मौदगिलhttp://www.blogger.com/profile/14778289379036332242noreply@blogger.com13tag:blogger.com,1999:blog-204253594725012219.post-77207573311171460772008-12-27T21:39:00.000-08:002008-12-27T21:59:09.887-08:00उस दिन तू कहां थी...............?एक बर की बात...<br /><br />ताऊ नै एक घणा जरूरी काम तै मुम्बई जाणा पड़ग्या<br />ताऊ नै सैच्ची अक् हवाई जहाज मैं चाल्लू ये सोच कै हवाई अड्डे पै पहोंच टिकट ले कै हवाई जहाज पै चढ़न ही वाला था कि अचानक एक बड़े जोर तै उसनै अवाज आई रै ताऊ रुक जा इस जहाज पै ना चढैं यू रास्तै महं क्रैश होण आला सै... <br />ताऊ सुणते ही वापस हो लिया पर मुंबई जाणा बी जरूरी <br /><br />ताऊ नै सोच्या चाल फेर रेल मैं चाल्लैं<br />ये सोच कै रेल के अड्डे पै पहोंच टिकट ले कै रेल पै चढ़न ही वाला था कि अचानक एक बड़े जोर तै उसनै अवाज आई रै ताऊ रुक जा इस रेल पै ना चढैं यू रास्तै महं पटड़ली तै उतरेगी<br />ताऊ सुणते ही वापस हो लिया पर मुंबई जाणा बी जरूरी <br /><br />ताऊ नै सोच्या चाल फेर बस मैं चाल्लैं<br />ये सोच कै बस अड्डे पै पहोंच टिकट ले कै बस पै चढ़न ही वाला था कि अचानक एक बड़े जोर तै उसनै अवाज आई रै ताऊ रुक जा इस बस पै ना चढैं यू रास्तै मैं नदी म्हं गिरेगी<br />ताऊ सुणते ही वापस हो लिया पर मुंबई जाणा बी जरूरी <br /><br />ताऊ नै सोच्या चाल फेर रिक्शा मैं चाल्लैं<br />रिक्शा वाले तै बात करी<br />रिक्शा वाला बी हरियाणे का था त्यार होग्या जाण नै<br />ताऊ भाड़ा तै करकै रिक्सा पै चढ़न ही वाला था कि अचानक एक बड़े जोर तै उसनै अवाज आई रै ताऊ रुक जा इस रिक्सा पै ना चढैं यू रास्तै महं टूटण आला सै <br /><br />ताऊ सुणते ही रिक्सा तै उतर लिया <br />अर उस अवाज की तरफ हाथ जोड़ कै बोल्या, हे भाई तू कोण सै...? अपना परिचय दे अर न्यू बता अक् तू मनैं बार-बार मुंबई जाण तै क्यू हटावै सै...?<br /><br />अवाज आई......... रै ताऊ... मैं एक आत्मा हूं.... अर तेरी शुभचिंतक........... मुबई जाण मैं तनै खतरा सै इस लिये मैं तनै बार बार चेतावनी द्यूं सूं ताकि तू बच जै.........<br /><br />ताऊ बोल्या, हे आत्मा.... सारी बात ठीक सै तेरी.... पर तू मेरी शुभ चिंतक कोनी...!<br /><br />आत्मा अचरज तै बोल्ली, ताऊ के कह रह्या सै...?<br /><br />ताऊ बोल्या, री आत्मा, मैं बिल्कुल ठीक कह रहया सूं, क्योंकि यदि तू वास्तव मैं मेरी शुभचिंतक सै... तो न्यू बता जिस दिन मैं घोड़ी पै चढ़ रहा था उस दिन तू कहां थी....?योगेन्द्र मौदगिलhttp://www.blogger.com/profile/14778289379036332242noreply@blogger.com6tag:blogger.com,1999:blog-204253594725012219.post-63006499335974188172008-12-20T17:47:00.001-08:002008-12-20T20:43:53.059-08:00ताऊ ताई दोनों फिल्मीएक बर की बात भाई....<br />ताऊ का नवा-नवा ब्याह होया था. अक उसकी नौकरी घणी दूर लाग गी. <br />वो नवी-नवेल्ली ताई नै घरां छोड़ कै दूर देस म्हं चल्या गया. <br />वहां तो बस नौकरी अर फिल्में उसका सहारा थी पर वक्त बीत्या अर ताऊ लौट कै गाम मैं आया तो घरआली नै देखते ई गश खाग्या क्यूंकि घरआली पेट तै थी........<br /><br />थोड़ी देर म्हं हिम्मत सी करके उठ्या एक फिलमी गीत गा कै बूझण लाग्या..<br /><br />ये क्या हुआ कैसे हुआ कब हुआ कुछ तो बोलो.....<br /><br />ताई नै बी पाछै घणी फिलम देख राक्खी थी..<br />गाणे मैं ई बोल्ली <br /><br />यूं ही कोई मिल गया था सरे राह चलते-चलते<br />नोटः यह दृष्टांत असली ताऊ का नहीं नकली ताऊ का हैयोगेन्द्र मौदगिलhttp://www.blogger.com/profile/14778289379036332242noreply@blogger.com6tag:blogger.com,1999:blog-204253594725012219.post-90642250851337486982008-11-19T07:41:00.000-08:002008-11-19T07:46:39.791-08:00कबुत्तर..........हर दड़बे म्हं भरे कबुत्तर.<br />खोट्टे अर कुछ खरे कबुत्तर.<br /><br />बिल्ली आवण के खटके तै,<br />हाय, रात-दिन्न डरे कबुत्तर.<br /><br />लकवा मार गया लाला नै,<br />और बिचारे मरे कबुत्तर.<br /><br />प्रेम की चिट्ठी कांख दबाकै,<br />गुटर-गुटरगू करै कबुत्तर.<br /><br />माट्टी के माट्टी म्हं मिलज्यैं,<br />मटमैल्ले-भुरभुरे कबुत्तर.<br />--योगेन्द्र मौदगिलयोगेन्द्र मौदगिलhttp://www.blogger.com/profile/14778289379036332242noreply@blogger.com16tag:blogger.com,1999:blog-204253594725012219.post-37894624931191748662008-11-09T17:08:00.000-08:002008-11-09T17:14:27.901-08:00फौज म्हं भरती होग्या ताऊ....एक बै की बात...<br />माइ डीयर भाइयों अर डीयरेस्ट भाभियों<br /><br />बात तब की सै जिब ताऊ जवान था उस टेम ताऊ मनोज कुमार की फिलम देख्या करता<br />फिलम देखता-देखता जोश म्हं आकै एक दिन्न फौज म्हं भरती होग्या<br />अर ट्रेनिंग पै चल्या गया<br /><br />ईब भाई ट्रेनिंग आला मेजर सारा दिन ट्रेनिंग देता<br />ताऊ होग्या दुखी<br />दिमाग लड़ाया अक क्यूक्कर छुटकारा मिलै<br />हरियाणे का आदमी पीठ दिखा कै या मूं छिपा कै तो भाग्गै कोनी<br />ईब के करूं ?<br />ताऊ नै जितने बी देवी-देवता याद आये उनका नाम ले-ले कै तरकीब सोचणी सुरू करी<br />कमाल....!<br />कमाल का आइडिया रात नै ई आग्या....!<br />ताऊ सबेरे सबेरे मेजर धौरै पहोंचा अर बोल्या मेजर साब <br />म्हारे घरां तै फोन आया सै अक म्हारा बाप्पू चल बस्या थम हमनै उसके किरयाकरम खात्तर छुट्टी देद्यो<br />मेजर नै दे दी<br />ताऊ घरां चला गया देखते-देखते छुट्टियां बीतगी वापस फौज मैं आग्या<br />जी ईब बी ना लाग्गै सोच्या क्यूक्कर ल्यूं छुट्टी<br /><br />हरियाणे का आदमी पीठ दिखा कै या मूं छिपा कै तो भाग्गै कोनी<br />ईब के करूं<br />ताऊ नै फेर जितने बी देवी-देवता याद आये उनका नाम ले-ले कै तरकीब सोचणी सुरू करी<br />कमाल<br />कमाल का आइडिया रात नै ई फेर आग्या<br />ताऊ सबेरे सबेरे मेजर धौरै पहोंचा अर बोल्या मेजर साब <br />म्हारे घरां तै फोन आया सै अक म्हारी मां चल बस्यी थम हमनै उसके किरयाकरम खात्तर छुट्टी देद्यो<br />मेजर नै दे दी<br />ताऊ घरां चला गया देखते-देखते छुट्टियां बीतगी वापस फौज मैं आग्या<br />जी ईब बी ना लाग्गै सोच्या क्यूक्कर ल्यूं छुट्टी<br /><br />पर ताऊ के मान्नै था..?<br />ताऊ फेर सबेरे सबेरे मेजर धौरै पहोंचा अर बोल्या मेजर साब... <br />म्हारे घरां तै फोन आया सै अक म्हारा बापू चल बस्या थम हमनै उसके किरयाकरम खात्तर छुट्टी देद्यो<br />मेजर नै दे दी<br />ताऊ घरां चला गया देखते-देखते छुट्टियां बीतगी वापस फौज मैं आग्या<br />जी ईब बी ना लाग्गै सोच्या क्यूक्कर ल्यूं छुट्टी<br /><br />पर कमाल.......... ताऊ के मान्नै था....? <br />ताऊ फेर सबेरे सबेरे मेजर धौरै पहोंचा अर बोल्या मेजर साब <br />म्हारे घरां तै फोन आया सै अक म्हारी मां चल बस्यी थम हमनै उसके किरयाकरम खात्तर छुट्टी देद्यो<br />मेजर नै दे दी ताऊ घरां चला गया <br /><br />ये तरीका ताऊ नै जिब छटी-सातवीं बार दोहराया तो मेजर का माथा ठनका उसनै अपना कलर्क बुलाया अर सारी डिटेल कढ़वाई<br /> <br />कमाल की डिटेल ताऊ नै चार बेर बापू मार राखया अर पांच बेर मां...<br /><br />मेजर नै ताऊ बुलाया अर बोल्या रै जवान मुझे तो तेरे पै बहोत यकीन था पर तू तो बहोत झूठा निकला<br /><br />ताऊ बोल्या मेजर साब मैं सूं हरियाणे का झूठ नहीं बोलता आप मेरे पै गलत इल्जाम मत लगाऒ<br /><br />मेजर नै डिटेल काढ़ कै उसके आग्गै धर दी अक् यू के सै ?<br />तू अगर झूठ नहीं बोलता तो बता यू चार बेर बापू का किरयाकरम अर पांच बेर मां का किरयाकरम क्यूक्कर कर्या<br /><br />ताऊ बोल्या जी इसमैं झूठ के मैं तो असली का किरयाकरम कर कै आया<br /><br />मेजर चिल्लाया रै ताऊ फेर झूठ बोल रह्या<br /><br />ताऊ बोल्या रै मेजर साब चुप होजा मैं झूठ कोनी बोल रह्या ध्यान तै सुण<br />देख जिब पहली बार मेरा बापू मरा... मैं गया.. किरयाकरम कर कै आग्या.. मेरी मां नै दूसरा ब्याह कर लिया..<br />फेर मेरी मां मरगी... मैं गया.. किरयाकरम कर कै आग्या तो मेरे बापू नै दूसरा ब्याह कर लिया...<br />फेर मेरा वो बापू मरग्या... मैं गया किरयाकरम कर कै आग्या... तो मेरी इस मां नै दूसरा ब्याह कर लिया...<br />फेर मेरी या वाली मां मरगी... मैं गया.. किरयाकरम कर कै आग्या तो मेरे इस बापू नै दूसरा ब्याह कर लिया.<br /><br />मेजर हाथ जोड़ कै बोल्या रै मेरे हरियाणवी बाप मान ग्या तनै<br />ईब तू चल्या जा भीत्तर....<br /><br />ताऊ बोल्या जी... क्यूक्कर चल्या जाऊं... घरां तै फोन आया सै अक् मेरी मां मरगी छुट्टी देद्यो...<br />मेजर अपने बाल नोचता होया भाग खड्या होया....<br /> <br />अर म्हारा ताऊ खड्या खड्या सोच रहा.... अक मनै ईसा के कह दिया अक् यू मेजर न्यू ऐ भाज लिया.....<br />--योगेन्द्र मौदगिलयोगेन्द्र मौदगिलhttp://www.blogger.com/profile/14778289379036332242noreply@blogger.com17tag:blogger.com,1999:blog-204253594725012219.post-91170440795983732342008-11-02T16:53:00.000-08:002008-11-02T17:41:26.738-08:00हे राम.. ठाले मनै..एक बै की बात...<br /><br />तीन ताऊ कट्ठे होकै बीड़ी सुलगा कै खेत की मेंड पै बेट्ठे थे<br />तीनों के तीनों ग़मज़दा...<br />उदास...<br />चुचचाप सुट्टे मार मार कै हर फिकर नै देवानन्द की ढाल उड़ान लागरे थे..<br /><br />इतने मैं सामणैं तै भूतनाथ युनिटी नै ले कै आग्या<br />दोनों नै यू नजारा देख कै घणा दुख होया<br />अक तीन-तीन ताऊ<br />तीनों के तीनों ग़मज़दा<br />उदास<br />चुचचाप सुट्टे मारण लागरे ना बोलरे ना बतलारे<br /><br />युनिटी बोली भूतनाथ डारलिंग चाहे कुछ बी होजे<br />तू पूछ कै पता लगा अक यें उदास क्यूं<br /><br />भूतनाथ नै सोच्ची अक यार यू तो एक ताऊ नै ई नाक म्हं दम कर राख्या था अड़ै तो तीन तीन<br />क्यूक्कर पूच्छूं<br /><br />वो सोचण ही लागरह्या था अक युनिटी नै उसकी बांह मरोड़ दी ईब भला भूतनाथ की के हिम्मत<br />उन धौरै जा के बोलया<br />जै राम की सबनै<br /><br />राम राम भाई बेठ जा अर या जो लुगाई सी लेरा है ना इसनै बी बिठ्या ले<br /><br />दोनों बेठगे<br /><br />भूतनाथ बोल्या मैं आप सबनै उदास देख कै अपणी डारलिंग समेत बहुत दुखी हूं कृपया अपणा दुख हम दोनो को बताइये क्यैंकि सुणा है कि दुख बताणे तै दुख हलका होजै<br /><br />एक ताऊ बोल्या रै छोरे के करेगा जाण कै बणनी तो तेरे गेल बी न्यूई है<br />भूतनाथ बोल्या ताऊ बता दे बस इबतो<br />ताऊ बोल्या रै छोरे के बताऊं दरसल बात न्यू सै अक मनै ये लाग्गै अक तेरी ताई का चक्कर किसी मिस्त्री गेल चाल रहा<br />वो कैसे ताऊ<br />अरै मैं ईब जब बी घर जाऊ तै मनै कील चैब्बे हथोड़ी पड़ी मिलैं <br />हे राम.. ठाले मनै.. कह कै ताऊ डबल स्पीड तै सुट्टे मारण लागग्या..<br /><br />भूतनाथ दूसरे ताऊ तै बोल्या ताऊ तू क्यूं उदास सै..?<br />दूसरा ताऊ बोल्या रै छोरे के करेगा जाण कै बणनी तो तेरे गेल बी न्यूई है<br />भूतनाथ बोल्या ताऊ बता दे बस इबतो<br />ताऊ बोल्या रै छोरे के बताऊं दरसल बात न्यू सै अक मनै ये लाग्गै अक तेरी ताई का चक्कर किसी पलम्बर गेल चाल रहा<br />वो कैसे ताऊ<br />अरै मैं ईब जब बी घर जाऊ तै मनै टोंटी पाइप पड़ी मिलैं <br />हे राम.. ठाले मनै.. कह कै ताऊ डबल स्पीड तै सुट्टे मारण लागग्या<br /><br />भूतनाथ तीसरे ताऊ तै पूछण लाग्या ताऊ तू क्यूं उदास सै..?<br />तीसरा ताऊ बोल्या रै छोरे के करेगा जाण कै बणनी तो तेरे गेल बी न्यूई है<br />भूतनाथ बोल्या ताऊ बता दे बस इबतो<br />ताऊ बोल्या रै छोरे के बताऊं दरसल बात न्यू सै अक मनै ये लाग्गै अक तेरी ताई का चक्कर किसी घोड़े गेल चाल रहा<br />घोड़े गेल.... कमाल है... वो कैसे ताऊ..?<br />अरै मैं ईब जब बी घर जाऊ तै मनै घर म्हं तांगेवाला पड़ा मिलैं <br />हे राम.. ठाले मनै.. कह कै ताऊ डबल स्पीड तै सुट्टे मारण लागग्या<br /><br />भूतनाथ तो सुणते ही युनिटी का हाथ पकड़ कै भाज लिया<br />--योगेन्द्र मौदगिलयोगेन्द्र मौदगिलhttp://www.blogger.com/profile/14778289379036332242noreply@blogger.com8tag:blogger.com,1999:blog-204253594725012219.post-65784668721937474732008-10-30T19:56:00.000-07:002008-10-30T20:21:20.775-07:00लोग भैंस नै चूम रह्ये....बालक नांगे घूम रह्ये<br />बाप नसे म्हं झूम रह्ये<br /><br />घरवाली तो भाज गयी<br />लोग भैंस नै चूम रह्ये<br /><br />ताऊ घुसग्या बोत्तल म्हं<br />देख भट्योड़े घूम रह्ये<br /><br />नई नसल सै ऊत घणी<br />पर दाद्दे मजलूम रह्ये<br /><br />बखत बदलग्या कुरड़ी का<br />पैहर कबाड़ी टूम रह्ये<br /><br />इब्तो अफसर बणगे रै<br />कल तक सुसरे डूम रह्ये<br />--योगेन्द्र मौदगिलयोगेन्द्र मौदगिलhttp://www.blogger.com/profile/14778289379036332242noreply@blogger.com7tag:blogger.com,1999:blog-204253594725012219.post-18308722595909637202008-10-23T18:29:00.001-07:002008-10-24T18:00:19.957-07:00हरियाणे का ताऊ............माइ डीयर भाइयों अर डीयरैस्ट भाभियों<br />वैसे तो थम नै, सब नै बेरा ही से अक हरियाणा का माणस हाजिर जवाब अर मूंह पै कहणिया होवै सै..<br />कई बार तो इसी बात कहदै अक सामणे वाला तो जलभुन कै रहजै <br />अर ताऊ अपणी बात कहकै आग्गै चाल दै..<br />एक बै की बात.......<br /><br />भूतनाथ घूमता होया हरियाणा म्हं आग्या <br />एंटरी करते ही एक ढाब्बै पै रुक्या कयैंकि उसनै सुण राखया था <br />देसां मैं देस हरियाणा..<br />जित दूध दही का खाणा..<br />तो ढाबे आले तै बोल्या, रै ताऊ..<br />बहोत जोर की भूख लाग री तेरे धौरै गरम-गरम के सै..?<br />ताऊ बोल्या रै छोरे, <br />गरम-गरम तो तवा सै, यहीं खावेगा अक पैक करावेगा...<br />भूतनाथ की टाल्ली खड़कगी<br /><br />पूछण लाग्या, अच्छा ताऊ न्यू बता दे टैम के होया..?<br />ताऊ बोल्या रै छोरे <br />टैम तो लट़ठ बजाण का हो रह्या सै<br />भूतनाथ की टाल्ली खड़कगी<br /><br />फेर पूछण लाग्या अच्छा ताऊ न्यू बता दे समय के होया<br />ताऊ बोल्या रै छोरे <br />समय तो बहोत खराब आ रह्या सै<br />भूतनाथ की टाल्ली खड़कगी्<br /><br />फेर पूछण लाग्या अच्छा ताऊ न्यू पूछ रह्या अक घड़ी मैं के बजा<br />ताऊ बोल्या रै छोरे <br />घड़ी म्हं बजै चे दो घड़ी म्हं पर बजेगा तो लट्ठ<br /><br />भूतनाथ की टाल्ली खड़कगी समझग्या यू हरियाणे का ताऊ सै सीधा जवाब कोनी दे<br />यहां तै तो फूट लेने मैं ई भलाई सै<br /><br />इतने मैं वहां हरियाणा रोडवेज की बस आकै रुकगी<br />भूतनाथ नै कंडक्टर तै पूच्छया<br />अक रै भाई जगह है क्या<br />कंडक्टर हरियाणे का बोल्या क्यूं प्लाट काटेगा के<br />भूतनाथ की टाल्ली खड़कगी<br /><br />भूतनाथ बोल्या रै अच्छा ताऊ न्यू तो बतादे अक या बस कहां जा री सै<br />कंडक्टर हरियाणे का बोल्या लंदन जा री सै बोल चाल्लेगा के<br />भूतनाथ की टाल्ली खड़कगी<br /><br />बस के आगे जा कै उसनै बोर्ड देख्या उस पै दिल्ली लिख राख्या था<br />फेर बी अपनी तसल्ली करण के लिये<br />भूतनाथ पूछण लग्या या बस दिल्ली जावेगी के<br />भाईसाब कंडक्टर हरियाणे का बोल्या चंडीगढ़ जावेगी<br />भूतनाथ बोल्या पर बाहर बोर्ड पै तो दिल्ली लिख राख्या<br />भाईसाब कंडक्टर हरियाणे का बोल्या रै झकोई तू बोर्ड पै बैठ के जागा या बस मैं बेठ कै<br />भूतनाथ की टाल्ली खड़कगी अर वापस हो लिया<br />--योगेन्द्र मौदगिलयोगेन्द्र मौदगिलhttp://www.blogger.com/profile/14778289379036332242noreply@blogger.com11tag:blogger.com,1999:blog-204253594725012219.post-68306927937789873002008-10-20T07:17:00.001-07:002008-10-24T18:03:56.555-07:00एक बै की बात...माई डीयर भाईयों अर डियरेस्ट भाभियों, <br />जै राम जी की....<br /><br />आज मैं ताऊ की एक नई कथा आप लोगां नै बताण लाग रह्या सूं...<br /><br />एक बै की बात...<br /><br />ताऊ एक लांबे सफर मैं रेल मैं बेठ्या जावै था<br />उसनै थोड़ी नींद सी आण लागी तो सबतै ऊपरली बर्थ पै जा कै पड़ग्या<br /><br />बर्थ पै जैसे ही थौड़ा सा मूधा होया तो उसका ध्यान नीचे बेट्ठे एक नवविवाहित जोड़े पै पड्गया<br /><br />बस फेर के था<br />ताऊ की नींद छूमंतर<br /><br />देखण लागग्या उन दोनों नै<br /><br />वे दोनों छोरा-छोरी कबूतर-कबूतरी की ढाल किलोल कररे थे<br /><br />अर ताऊ ऊप्पर पड्या ताई नै याद कर रह्या था<br /><br />अचानक गाड़ी म्हं झटका सा लाग्या<br />छोरी बोली उई मां मरगी<br />छोरा एकदम बोल्या के होग्या मेरी जान कुछ मनै बी तो बता<br />छोरी बोली झटका लाग ग्या मेरा तो कंधा दुक्खै<br />छोरा बोल्या चिंता ना करै इबी ठीक कर द्यूं <br />सर उस छोरे नै बड़े प्यार तै अपनी लुगाई के कंधे का चुंबन लिया अर बोल्या ईब बता दर्द होरा के..?<br />लुगाई मुस्कुरा कै बोली ना ना इब्तो ठीक होग्या<br />ताऊ हैरान....<br /><br />अचानक गाड़ी म्हं फेर झटका सा लाग्या<br />छोरी बोली उई मां मरगी<br />छोरा एकदम बोल्या के होग्या मेरी जान कुछ मनै बी तो बता<br />छोरी बोली झटका लाग ग्या मेरा तो गोड्डा दुक्खै<br />छोरा बोल्या चिंता ना करै इबी ठीक कर द्यूं <br />सर उस छोरे नै बड़े प्यार तै अपनी लुगाई के गोड्डे का चुंबन लिया अर बोल्या ईब बता दर्द होरा के..?<br />लुगाई मुस्कुरा कै बोली ना ना इब्तो ठीक होग्या<br />ताऊ हैरान....<br /><br />अचानक गाड़ी म्हं फेर झटका सा लाग्या<br />छोरी बोली उई मां मरगी<br />छोरा एकदम बोल्या के होग्या मेरी जान कुछ मनै बी तो बता<br />छोरी बोली झटका लाग ग्या मेरा तो गाल दुक्खै<br />छोरा बोल्या चिंता ना करै इबी ठीक कर द्यूं <br />सर उस छोरे नै बड़े प्यार तै अपनी लुगाई के गाल का चुंबन लिया अर बोल्या ईब बता दर्द होरा के..?<br />लुगाई मुस्कुरा कै बोली ना ना इब्तो ठीक होग्या<br />ताऊ हैरान...<br /><br />अचानक गाड़ी म्हं फेर झटका सा लाग्या<br />छोरी बोली उई मां मरगी<br />छोरा एकदम बोल्या के होग्या मेरी जान कुछ मनै बी तो बता<br />छोरी बोली झटका लाग ग्या मेरा तो कान दुक्खै<br />छोरा बोल्या चिंता ना करै इबी ठीक कर द्यूं <br />सर उस छोरे नै बड़े प्यार तै अपनी लुगाई के कान का चुंबन लिया अर बोल्या ईब बता दर्द होरा के..?<br />लुगाई मुस्कुरा कै बोली ना ना इब्तो ठीक होग्या<br />ताऊ हैरान.....<br /><br />अचानक गाड़ी म्हं फेर झटका सा लाग्या<br />छोरी बोली उई मां मरगी<br />छोरा एकदम बोल्या के होग्या मेरी जान कुछ मनै बी तो बता<br />छोरी बोली झटका लाग ग्या मेरा तो बाजू दुक्खै<br />छोरा बोल्या चिंता ना करै इबी ठीक कर द्यूं <br />सर उस छोरे नै बड़े प्यार तै अपनी लुगाई के बाजू का चुंबन लिया अर बोल्या ईब बता दर्द होरा के..?<br />लुगाई मुस्कुरा कै बोली ना ना इब्तो ठीक होग्या<br />ताऊ हैरान....<br /> <br />पर इबकै ताऊ तै रह्या कोनी गया...<br />ऊप्पर पड्या-पड्या बोल्या रै छोरे......<br />मेरै बवासीर होरी सै उसका बी इलाज कर दे गा के......?योगेन्द्र मौदगिलhttp://www.blogger.com/profile/14778289379036332242noreply@blogger.com7tag:blogger.com,1999:blog-204253594725012219.post-23223194415792590252008-10-16T17:53:00.000-07:002008-10-16T18:00:55.764-07:00ईब बेरा पाट्या .......एक हास्य कविता<br /><br />एक लुगाई<br />बैंक मनैजर के धौरै आई<br />और बोल्ली<br />मनेजर साब मेरी हैल्प करियो<br />इस पांचसो डालर के नोट नै<br />इंडियन करैंसी मैं कन्वर्ट कर दियो<br />मनेजर नै पांचसो डालर का नोट<br />अपने हाथ म्हं पकड्या<br />जांच्या परखा<br />अर बस मनेजर की फूट पड़ी हंसी<br />बोल्या ताई तू कहां जा फंसी<br />अर क्यूं मनै फंसाण लाग री सै<br />यू पांचसो डालर का नोट कोनी<br />सैम्पू डिस्काउंट का कूपन सै<br />सुणते ई महिला नै मात्थे पै हाथ मारया<br />अर बोल्ली रै मनेजर<br />तेरी बात तै तो मेरा होश खोग्या<br />ईब बेरा पाट्या <br />कल रात तो मेरा रेप होग्या<br />--योगेन्द्र मौदगिलयोगेन्द्र मौदगिलhttp://www.blogger.com/profile/14778289379036332242noreply@blogger.com10tag:blogger.com,1999:blog-204253594725012219.post-14993045752265162412008-10-15T09:19:00.000-07:002008-10-15T09:50:15.285-07:00एक बै की बात......एक बै की बात<br />प्यारे भाईयों और मेरी भाभियों<br />या लगभग साच्ची बात सै<br />इसमैं एक पहेली बी सै<br />बूझण आलै नै जरमनी के दो लट्ठ इनाम मैं मिलेंगें<br /><br />उन दिनों ताऊ की नाई की दुकान थी<br />एक दिन ताऊ मजे मैं अपने गाहक के बाल बणा रहया था तो एक आदमी आया अर बोल्या ताऊ कितने नंबर सै<br />अर अंदाजा बता दे कितनी देर लगेगी<br />ताऊ बोल्या भाई घंटा लगेगा<br />आदमी चला गया<br /><br />अगले दिन ताऊ फेर मजे मैं अपने गाहक के बाल बणा रहया था तो वही आदमी फेर आया अर बोल्या ताऊ कितने नंबर सै अर अंदाजा बता दे कितनी देर लगेगी<br />ताऊ बोल्या भाई पौणा घंटा लगेगा<br />आदमी चला गया<br /><br />अगले दिन ताऊ फेर मजे मैं अपने गाहक के बाल बणा रहया था तो वही आदमी फेर आया अर बोल्या ताऊ कितने नंबर सै अर अंदाजा बता दे कितनी देर लगेगी<br />ताऊ बोल्या भाई आधा घंटा लगेगा<br />आदमी चला गया<br /><br />अगले दिन ताऊ फेर मजे मैं अपने गाहक के बाल बणा रहया था तो वही आदमी फेर आया अर बोल्या ताऊ कितने नंबर सै अर अंदाजा बता दे कितनी देर लगेगी<br />ताऊ बोल्या भाई पंदरा मिनट लगेगी<br />आदमी चला गया<br /><br />ताऊ नै सोच्चभ यू गाहक रोज आवै अर टाइम बूझ कै चल्या जावै बेठता कोनी के बात सै कोई रास्सा लाग्गै ताऊ नै फौरन अपना छोरा बुलाया अर बोल्या रै छोरे इस आदमी नै देख कै आ अक यू मेरे तै टैम पूछ कै कित जावै सै<br /><br />छोरा पीछै गया<br />वापस आया अर उसनै जो ताऊ तै बताया सुण कै ताऊ के होस उड़गे<br />क्योंकि उसनै बताया अक यो आदमी जो रोज टेम पूछण आवै था<br />टेम पूछ कै सीधा ताऊ के घरां जावै था<br /><br />अंदाजा ला कै बताऒ<br />वो आदमी कौण था<br />मिलेंगें जरमन के दो लट्ठ<br />--योगेन्द्र मौदगिलयोगेन्द्र मौदगिलhttp://www.blogger.com/profile/14778289379036332242noreply@blogger.com5tag:blogger.com,1999:blog-204253594725012219.post-14499521308506678872008-10-13T19:07:00.000-07:002008-10-13T19:11:31.293-07:00मैं जाणूं सूं कितना अमीर सै तेरा मामा.....एक बै की बात<br /><br />भूतनाथ बड़ा चौड़ा होकै <br />क्रीम सैम्पू लगा कै <br />मूंह हाथ धोकै <br />जमीं ऊप्पर नै देखता होया ताऊ के गाम मैं घूम रह्या था <br /><br />सामणै तै ताऊ आवै था<br /><br />भूतनाथ बोल्या ताऊ राम राम<br /><br />ताऊ नै देखया यू तो नवा सा सैंपल लागै जवाब मैं बोल्या राम राम भाई<br />अर पूछण लाग्या अक रै छोरे तू आजे देखया, कित तै आया<br /><br />भूतनाथ बोल्या भूतलोक तै<br /><br />अच्छा किसकै आया<br /><br />उरै मेरा मामा रह्वै सै<br /><br />अरै कुण सा भाई<br /><br />चौधरी प्रेत सिंह तू नी जाणता के उसनै<br /><br />ना भई<br /><br />कमाल है ताऊ तू नहीं जाणता थारे एरिये का सबते अमीर सै मेरा मामा<br /><br />अरै रहण दे छोरे मैं जाणूं सूं कितना अमीर सै तेरा मामा<br /><br />क्यूं रहण द्यूं, बीसियैं किल्ले जमीन, बारा ट्रैक्टर, गयारा जीप, चौंतीस बाइक, उन्नीस मामियां सै मेरे मामे की<br /><br />अरै रहण दे छोरे मैं जाणूं सूं कितना अमीर सै तेरा मामा, क्यूं भेद खुलवावै सै <br /><br />कयूं इसा के ताऊ तनै बेरा कोनी चौंसठ भैंस सैं मेरे मामे की<br /><br />अरै रहण दे छोरे मैं जाणूं सूं कितना अमीर सै तेरा मामा,<br />चौंसठ की चौंसठ भैंस नंगी फिरैं. उनतै कुछ पहराया तो जाता नी. अर रोला करता हांडरया, अमीर सै.. अमीर सै... अरै जिसकी भैंस, झोटी, ऊंटनी नंगी घूमती हों वो अमीर होये करै के<br />--योगेन्द्र मौदगिलयोगेन्द्र मौदगिलhttp://www.blogger.com/profile/14778289379036332242noreply@blogger.com8tag:blogger.com,1999:blog-204253594725012219.post-80521179653051507952008-10-11T17:41:00.000-07:002008-10-11T18:14:54.444-07:00किस्सा ऊत काएक बै की बात भाई<br />ताऊ उन दिनों गाम के स्कूल में बालकां नै पढ़ाये करै था<br />एक छोरा घणाइ ऊत था<br />ताऊ नै बहोत कोशिश करी के उसका धयान किमे पढ़ाई म्हं लागजै<br />पर छोरा ऊत घणाइ ऊत<br />एक दिन ताऊ नै पूरी कलास तै एक लैसन याद करण नै दिया अर उस छोरे तै हिंदी म्हं समझाया<br />अक् यू पाठ जरूर याद करकै आइये वरना तूत की बेंत बणा कै पीटूंगा<br />पर छोरा ऊत घणाइ ऊत<br />कतई नी याद करकै आया<br />ताऊ नै पूरी कलास तै लैसन सुण्या सबनै सुणाया छोरे के याद कोनी<br />बैंच पै छोरा खड़ा करकै ताऊ नै डंडा संभाला तो छोरा बोल्या<br />मास्टर जी मारण तै पहलम मेरी बात सुण्ल्यो<br />ताऊ बोलया सुणा के कहवै तू<br />छोरा बोल्या मास्टर जी बात न्यू सै अक मैं रात नै पूरा पाठ याद करकै निश्चिन्त होकै सोया था <br />रात नै मेरे सपने मैं आपके पिता जी आगे अर मेरे तै बोल्ले<br />बेटा तू याद करण की टैंशन कोनी लेवै यू मास्टर ताऊ सै मेरा छोरा मैं इसनै कह दयूंगा जू तेरी पिटाई कोनी करेगा<br />अगर करन लगै तो तू मेरा नाम ले दियो अ सपना सुणा दियो<br />ताऊ नै सोची छोरा ऊत घणी कसूती बात काढ़ ल्याया पिता जी का नाम आग्या ईब तो छोड़ना ई पड़ेगा<br />अर ताऊ नै छोरे तै कुछ नी कहया बिठ्या दिया<br />हफ्ते पीछे ताऊ नै फेर लैसन दे दिया याद करण नै उसी वारनिंग के साथ<br />सारी क्लास याद कर ल्यायी<br />पर छोरा ऊत घणाइ ऊत कोनी कर कै ल्याया<br />ताऊ नै बूझी अक् रै याद क्यूं नी करया<br />तो छोरा बोल्या के करूं मास्टर जी रात नै मेरे सपने मैं आपके पिता जी फेर आगे अर मेरे तै बोल्ले<br />बेटा तू याद करण की टैंशन कोनी लेवै यू मास्टर ताऊ सै मेरा छोरा मैं इसनै कह दयूंगा जू तेरी पिटाई कोनी करेगा<br />अगर करन लगै तो तू मेरा नाम ले दियो अर सपना सुणा दियो<br />ईबकै ताऊ बी तैयार था<br />हवा मैं डंडा लहरा कै बोल्या रै ऊत पिताजी तो रात मेरे सपने म्हं बी आये थे अर मेरे तै कहरे थे अक यू छोरा घणा ऊत सै झूठ बहोत बोलै इसकी बात कतई ना मानिये<br />हाथ आग्गै कर<br />छोरा हाथ आग्गै करकै बोल्या <br />मास्टर जी डंडे तो चाहे बीस मार ल्यो<br />पर आपके पिताजी हैं बड़े कमीण<br />मेरे सुपने म्हं कुछ कहगे अर थारे म्हं कुछ कहगे<br /><br />नोट:-- वैसे तो सारी दुनिया जाणैं सै पर फेर बी बताणा मेरा फरज़ सै दरअसल हरियाणा मैं छोटे भाई का ब्याह होते ही कुंगर सारे गाम का ताऊ होजै सै जिसकै छोटा भाई ना हो तो उसकी मूंछ दाड्डी या सर म्हं एक बी धौला बाल चमक जै तो ताऊ होजै सै इसलिये ताऊ चोपाली किस्सों का लोकप्रिय हास्य पात्र है किसी व्यक्ति विशेश्ष के लिये इशारा नहीं आप सब पाठक बस बात का मजा ले हंसे खिलखिलायें ठहाके लगायें ये किस्से पूरे महोल्ले गाम गली ग्वांड कालोनी को सुनाये और जिसकी समझ में ना आये उसे अपणा ताऊ बणायें........... kyon TAU...?योगेन्द्र मौदगिलhttp://www.blogger.com/profile/14778289379036332242noreply@blogger.com2tag:blogger.com,1999:blog-204253594725012219.post-23487625210005682672008-10-08T06:49:00.000-07:002008-10-08T06:51:52.725-07:00टूटग्या टील्ला......कुटम-कबील्ला पीसे का<br />इब्तो हिल्ला पीसे का<br /><br />उसनै मारै सै दुनिया<br />वो सै ढील्ला पीसे का<br /><br />देख करोड़ों का होग्या<br />अपणा किल्ला पीसे का<br /><br />दमड़ी गई तो मरजेगा<br />वो मरघिल्ला पीसे का<br /><br />झटका ऊप्परआले का<br />टूटग्या टील्ला पीसे का<br />--योगेन्द्र मौदगिलयोगेन्द्र मौदगिलhttp://www.blogger.com/profile/14778289379036332242noreply@blogger.com6tag:blogger.com,1999:blog-204253594725012219.post-3946579856727057912008-09-26T18:58:00.000-07:002008-09-26T19:22:05.231-07:00हम फेर पांच के पांच....(असली ताऊ अर कतई असली भूतनाथ तै क्षमायाचना सहित)<br /><br />एक बर की बात<br /><br />भूतनाथ ताऊ धौरै आकै बूझण लाग्या अक् रै ताऊ मेरी भैंस बीमार होगी अर तेरी भैंस जिब बीमार होयी थी तो तनै उसतै के दिया था<br /><br />ताऊ बोल्या रै भूतनाथ मन्नै तो उसतै माट्टी के तेल म्हं चीनी घोल कै प्यायी थी<br /><br />भूतनाथ नुस्खा सुणते ई घरां चाल पड़्या<br /><br />जाते ।ई माट्टी के तेल म्हं चीनी घोल कै भैंस तै प्यादी <br /><br />पीते ही भैंस मर गी<br /><br />भूतनाथ घणे गुस्से म्हं ताऊ धोरै आया अर बोलया ताऊ मनैं तेरा नुसखा करया अर मेरी तो भैंस मरगी<br /><br />ताऊ बोल्या रै बावली बूच मेरी भैंस बी मरगी थी<br /><br />भूतनाथ बोल्या फेर तनै मेरे तै बताया क्यूनी<br /><br />ताऊ बोल्या रै बावली बूच तनै नुस्खा बूझ्या था असर कोनी<br /><br />भूतनाथ मात्थे पै हाथ मार कै जलता-भुनता वापस चाल पडया<br />घरां पहोंचा तो खुस होग्या<br />घरां उसका ब्याह करण की बातचीत चाल री थी<br /><br />भूतनाथ किलकारी मार कै बोल्या री मां इस टैम तो हम परिवार म्हं पांच जणे सैं, दादी, बापू, बेबे, मैं अर मां तू. कुल मिला कै पांच..<br />मां बोल्ली रै मेरे बावले पूत, चिन्ता ना करै, तरा ब्याह होते ई छह होजेंगें...<br /><br />भूतनाथ बोल्या, री मां, फेर के,... इतनै बेबे का ब्याह हैजेगा वा चली जागी... हम फेर पांच के पांच...<br /><br />मां बोल्ली, रै मेरे बावले पूत, इतनै तेरै छोरा होजेगा फेर तो हम छह होजेंगें....<br /><br />भूतनाथ बोल्या, ना री मां, ना...., इतनै दादी मर जेगी... हम फेर पांच के पांच...<br />--योगेन्द्र मौदगिलयोगेन्द्र मौदगिलhttp://www.blogger.com/profile/14778289379036332242noreply@blogger.com6tag:blogger.com,1999:blog-204253594725012219.post-33193103259407254082008-09-23T19:19:00.000-07:002008-09-23T19:47:06.972-07:00ताऊ जब मर कै ऊप्पर पहोंचा तो..........प्यारे जीवित पाठकों,<br />राम राम,,...!!!<br /><br />ताऊ नै अपने जगप्रसिद्ध ब्लाग पै घणी साच्ची पोस्ट डाल्ली<br />इब सच बोल्लण तै परहेज़ अपना बी कोनी<br />prastut hai 1 sachhi post<br /><br />लेकिन एक बात का ध्यान रखियो कि इस किस्से म्हं ताऊ अर मेरा जिक़र कोनी<br /><br />तो भाइयों अर मेरी भाभियों<br />सुणो<br /><br />एक बै की बात<br /><br />एक ताऊ जब मर कै ऊप्पर पहोंचा तो सन्न रह ग्या सामणै दूसरा ताऊ खड़ा था <br /><br />ताऊ बोल्या रै तू बी मर लिया <br /><br />दूसरा बोल्या हां भाई मैं बी मर लिया<br /><br />अरै क्यूक्कर मरया तू इबी तो मरण की उमर ना थी तेरी<br /><br />तेरी कोण सी उमर थी तू बता क्यूक्कर मरा<br /><br />बस्स रै भाई मेरी ना बूज्झै मैं तो सदमे तै मर ग्या तू क्यूक्कर मरा<br /><br />मैं तो भाई ठंड तै मरग्या पर तेरे गेल के बणी इसा के चाला पाटग्या अक तू सदमे तै मरग्या<br /><br />बस्स भाई नाए पूच्छै तो अच्छा<br /><br />पूच्छू क्यूं नी ताऊ यू तो तनै बताणा इ पड़ेगा<br /><br />सुण ले भाई फेर बात न्यू थी. मेरी चाल री थी नाइट ड्यूटी. अचानक कुछ हरकतों तै तेरी ताई पै मन्नै कुछ डाउट होग्या. मनै पता लगाण की बहोत कोशिस करी पर बेरा ना पाट्या. एक दिन मैं बाहर जाणे की कह कै घर तै चाल्या अर दो घंटे पाच्छै इ वाप्पस आ लिया. आ कै दरवाजा खटखटाया मनै कुछ आवाजें सी आई. थोड़ी देर म्हं दरवाजा खुलते इ मनै भीतर सारा कमरा छाण मारया पर कोय ना मिल्या. मनै पलंग के नीच्चै, परदे के पीच्छै, अलमारी के पाच्छै, रसोई मैं, टांड पै सारै नै देख मारया पर कोइ ना मिलया. पर भाई के बताऊं मनै अपने कानों तै आवाज सुणी थी अक भीतर कोई था. बस मनै तो अस बात तै इसा सदमा लगया अक मैं तो तुरंत मरग्या..<br /><br />ताऊ बोल्या रै झकोई<br />जौ तू फ्रिज खोल कै देख लेत्ता तो ना मैं मरता और ना तू मरता<br />--योगेन्द्र मौदगिलयोगेन्द्र मौदगिलhttp://www.blogger.com/profile/14778289379036332242noreply@blogger.com7tag:blogger.com,1999:blog-204253594725012219.post-91205906191605066362008-09-22T08:55:00.000-07:002008-09-22T09:32:50.096-07:00जज आफ हाइकोर्ट.......एक बै की बात...<br />एक था ताऊ. जज था हाईकोर्ट म्हं.<br /><br />(नोट मैं आदरणीय रामपुरिया जी कोट नहीं कर रहा हूं)<br /><br />तो भाइयों अर मेरी भाभियों,<br />एक था ताऊ...<br />हाइकोर्ट का एक जज. <br />एक दिन्न अकेल्ला ही कार ले कै पहाड़ पै घूम्मण चल दिया. घूमते-घमते रात होगी, पर उसनै मजा आ रह्या था. घूमता रह्या. अचानक कार बंद होगी. हाइकोर्ट का जज ताऊ था अकेला. उसनै अपणे दिमाग के सारे घोड़े खोल लिये पर कार स्टार्ट ना होयी.<br /><br />ताऊ नै दायें देख्या, बायें देख्या, इधर देख्या, उधर देख्या, अचानक उसनै देखया के थोड़ी दूर एक मकान म्हं बत्ती जल रही सै<br /><br />बेचारा वहां पहुंचा....<br /><br />जा कै कालबैल बजाई तो सुथरी सी मल्लिका सेरावत बरगी छोरी ऊप्पर खिड़की म्हं तै झांक कै बोल्ली........ <br />कौण सै...?<br /><br />ताऊ बोल्या.......... मैं सूं........<br /><br />वा बोल्ली,... मैं कौण..? सही बता परिचय दे कोण सै तू..?<br /><br />ताऊ बोल्या, मैं भई... भई... तुम डरो मत आय एम्म जज आफ हाइकोर्ट..!!<br /><br />या सुण कै छोरी नीचै आगी अर गेट खोल दिया फिर बोली बताइये क्या बात है...?<br /><br />ताऊ नै अपनी गड्डी बंद होणे की बात बताई. <br /><br />वा बोल्ली तो फेर मैं के कर सकूं..?<br /><br />ताऊ बोल्या, भई कर तो तू के सकै, पर मनै रात बिताण की जगह चाहिये..!!<br /><br />वा बोल्ली, बात तो थारी ठीक सै, पर मैं यहां अकेल्ली सूं..!<br /><br />ताऊ बोल्या, इस बात तै तनै के खतरा बावली, मनै तेरे तै बताया तो सै अक आय एम्म जज आफ हाइकोर्ट..!!<br /><br />वा बोल्ली वा तो ठीक पर आज मेरे पति भी घर कोनी...<br /><br />ताऊ बोल्या, फेर इस बात तै तनै के खतरा बावली, मनै तेरे तै बताया तो सै अक आय एम्म जज आफ हाइकोर्ट,,,,<br /><br />वा बोल्ली, एक समस्या होर सै, मेरे धौरे सोण का कमरा बी एक....<br /><br />ताऊ बोल्या, फेर मनै तेरे तै बताया तो सै अक आय एम्म जज आफ हाइकोर्ट.....<br /><br />वा बोल्ली जी बात नै समझो......... ठंड के दिन्न अर मेरे धोरै रजाई बी एक सै......<br /><br />ताऊ बोल्या, फेर इस बात तै तनै के खतरा बावली, मनै तेरे तै बताया तो सै अक आय एम्म जज आफ हाइकोर्ट....<br /><br />ईब वा बोल्ली, फेर के सै झकोई आजा... <br /><br />ताऊ वहीं रुका. रात बीत गई. सुबह हुई वा लुगाई चा का कप ले कै ताऊ धोरै आई..<br /><br />बोल्ली, गुड मारनिंग..<br /><br />ताऊ बोलया, गुड मारनिंग... नींद बहुत बढ़िया आई... पर मनै एक बात समझ मैं ना आई... के तुम्हारा यहां गुजारा कैसे चलता है..?<br /><br />वा बोल्ली म्हारा एक मुर्गी फार्म सै, नीचै आ तनै दिखा दूं...<br /><br />ताऊ उसके साथ चाल पड़ा...<br /><br />नीचे मुरगी फारम में बहुत सारी मुरगिया देख कै ताऊ नै उस लुगाई तै एक प्रश्न करया, बोलया, एक बात बता भई यें सारी मुरगियां ही हैं या इनम्हं कोई मुरगा बी सै...?<br /><br />वा बोल्ली जी एक चौथाई मुरगिया अक बाक्की मुर्गें सैं....<br /><br />ताऊ हंस कै बोल्या....<br />कमाल सै मुरगियां कम, मुरगे ज्यादा, इन म्हं आपस म्हं मिलण खात्तर लड़ाई ना होत्ती..?<br /><br />वा बोल्ली जी कतई बी लड़ाई ना होत्ती.... क्यूंकि आद्धे तै ज्यादा मुरगे तो जज आफ हाइकोर्ट सैं......<br />--योगेन्द्र मौदगिलयोगेन्द्र मौदगिलhttp://www.blogger.com/profile/14778289379036332242noreply@blogger.com7tag:blogger.com,1999:blog-204253594725012219.post-56153900236798497972008-09-21T02:36:00.000-07:002008-09-21T02:54:05.785-07:00ताऊ बोल्या....एक बै की बात...<br />एक ताऊ था (मैं आदरणीय रामपुरिया जी की बात नहीं कर रहा हूं)<br /><br />हां तो भाई एक था ताऊ. उमर लगभग ८० बरस. पता नी के चस्का चढया, के जी म्हं आया, अक् ताऊ नै एक २० साल की छोरी तै ब्याह कर लिया. तीन-चार महीन्ने होए तो ताऊ एक दन डाकटर धोरे पहुंच कै बोल्या डाक्टर साहब मन्नै न्यूं लाग्गै अक् मैं बाप बणन वाला सूं...<br /><br />डाकटर बोल्या ताऊ बधाई... पर मैं तनै एक बात सुणाना चाहूं उसनै सुण ले<br /><br />ताऊ बोल्या सुणा दे<br /><br />डाकटर बोल्या, ताऊ एक शिकारी था. उसनै बहोत शेर-चीते मार राक्खे थे. एक दिन जब वो शिकार करण जंगल म्हं चाल्या पर गलती तै अपनी राइफल घरां भूलग्या. जंगल म्हं पहोंच्या इ था अक उसके सामने शेर आग्या. शेर नै दहाड़ मारी शिकारी नै बंदूक टोही तो सन्न रहगया. अक् रै बंदूक तो घरां ही रहगी पर शिकारी मैं आत्मविश्वास बहुत था उसनै हाथ मैं पकड़ रखी बेंत बंदूक वाली पोजीशन मैं शेर के मूंह कान्नी ताण दी<br /><br />अचरच... महा अचरज......... <br />तभी धांय की आवाज आयी ऐसा लग्या बेंत म्हं तै गोली निकली सर शेर मरग्या.....<br />ईब बता ताऊ के समझा..?<br /><br />ताऊ बोल्या रै डाक्टर बात साफ सै कोई लुका होया बंदा खडया था शिकारी के पाच्छै,<br />वो लेरह्या था बंदूक. गोली उसी म्ह तै चाल्ली वरना के बैंत मैं तै गोली चाल्लै ?<br /><br />डाक्टर बोल्या ताऊ मैं तनै यूए समझाणा चाहूं था<br /><br />समझग्या ना<br />--योगेन्द्र मौदगिलयोगेन्द्र मौदगिलhttp://www.blogger.com/profile/14778289379036332242noreply@blogger.com7tag:blogger.com,1999:blog-204253594725012219.post-73192658508425617422008-09-08T19:12:00.000-07:002008-09-08T19:43:27.088-07:00पूच्छो क्यूं..?बहुत पुरानी बात कोनी. ताऊ रामपुरिया, भाटिया जी, भूतनाथ और तिवारी साब चारों के चारों उस टेम कट्ठे रहे करते. गाम म्हं पूरे मजे थे चारों के. <br />एक दिन की बात सांझ नै चारों बतियावैं थे. चारों नै गाम म्हं रहणा घाट्टे का सौदा लग्या. विचार बणाया अक् शहर म्हं जाकै कोई ढंग का काम करेंगें. or peese kamavenge.<br />चारों पहुंचगे शहर वहां मिलग्या स्मार्ट सा स्मार्टबरगिया. इन्होनै सोच्ची इसतै सलाह कर लैं. काम जम जे गा. स्मार्ट बोल्या न्यू करो रै, <br />शहर म्हं गाड़िया बहोत सैं का गैरज खोल ल्यो. काम की कोय कमी नी.<br />चारों नै खोल लिया ....शानदार सर्विस सैंटर...<br />पर गजब... छः महीने तक एक गाहक नी आया.<br />पूच्छो क्यूं ?<br />मैं बताऊं.. गैरेज दूसरी मंजिल पै खोल्या..<br />फेर पहोंचगे स्मार्ट धौरै, बोल्लै रै, कोई और काम बता...<br />स्मार्ट धौरै आइडियों का स्टाक फुल्ल.<br />बोल्या झकोइयों, िमठाई की दुकान खोल ल्यो. घणी चाल्लेगी.<br />आव देख्या ना ताव खोल ली मिठाई की दुकान.<br />पर गजब.... छः महीने तक एक गाहक नी आया<br />पूच्छो क्यूं..?<br />मैं बताऊं... दुकान पै तै सर्विस सैंटर का बोर्ड तो हटाया ई नी<br />फेर पहोंचगे स्मार्ट धौरै, बोल्लै रै, कोई और काम बता.<br />स्मार्ट धौरै आइडियों का स्टाक फुल्ल..<br />बोल्या रै झकोइयों, थम दुकानदारी नी कर सकते. न्यू करो एक टैक्सी डाल ल्यो. सवारियां बहोत सैं दिल्ली चंडीगढ़ रूट पै. ठाठ तै सारा दिन ढोते रहियै.<br />चारों नै आव देख्या ना ताव टैक्सी daal lee.<br />पर गजब... छः महीने तक एक सवारी नी बेट्ठी<br />पूच्छो क्यूं..?<br />स्टैंड पै टैक्सी ला कै दो आग्गै बेठ जैं थे दो पीच्छै. ईब थमी सोच्चो सवारी के छात पै बेट्ठण वास्तै आत्ती.<br />परेसान होगे. किसी नै कह दिया अक रै थारे बस का कोनी चुपचसप गाम म्हं वापस चले जाऒ.<br />चारों अपनी नवी टैक्सी मैं बेठ वापस गाम मैं चाल पड़े.<br />कुदरत की मार रास्तै म्हं गाड्डी खराब होके बंद होगी. चारों नै दिमाग के सारे घोड़े खोल लिये पर कार स्टार्ट ना होयी.<br />एक राह चलता बोल्या रै क्यूं बिराण होरे सो, धक्का मार कै मकैनिक धोरे ले जो..<br />चारों धक्का मारणा लागगे.. <br />पर अचरज की बात एक हफ्ता धक्का लगाया पर गाड़ी एक इंच ना सरकी.<br />पूच्छो क्यूं..?<br />मैं बताऊं दो जणे आग्गे तै धक्का लावैं थे सर दो पाच्छे तै.......योगेन्द्र मौदगिलhttp://www.blogger.com/profile/14778289379036332242noreply@blogger.com12tag:blogger.com,1999:blog-204253594725012219.post-13254400706533097672008-09-08T00:25:00.000-07:002008-09-08T00:28:20.632-07:00बुड्ढे की इज्जत बी राख,क्यूं दीद्दे मटकावै सै.<br />उपरां-तली जलावै सै.<br /><br />घर की रखले घर भीत्तर,<br />क्यूं इब ढोल बजावै सै.<br /><br />बुड्ढे की इज्जत बी राख,<br />दो रोट्टी तो खावै सै.<br /><br />छोड़ तिलक, साफा, माला,<br />तू किसनै बहकावै सै ?<br /><br />चोक्खे बखत की चोक्खी याद,<br />बींद-बींद म्हं आवै सै.<br /><br />छोड़ 'मौदगिल' बोल बड़े,<br />बुरा बखत भरमावै सै.<br />--योगेन्द्र मौदगिलयोगेन्द्र मौदगिलhttp://www.blogger.com/profile/14778289379036332242noreply@blogger.com2