tag:blogger.com,1999:blog-204253594725012219.post7319265850842561742..comments2023-09-13T02:02:14.596-07:00Comments on हरियाणा एक्सप्रैस: पूच्छो क्यूं..?योगेन्द्र मौदगिलhttp://www.blogger.com/profile/14778289379036332242noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-204253594725012219.post-65073990187971580332008-09-21T02:57:00.000-07:002008-09-21T02:57:00.000-07:00भाई बेतुके...जो मैं १८ महीन्ने वहा ना रहता तो ये ब...भाई बेतुके...<BR/>जो मैं १८ महीन्ने वहा ना रहता तो ये बेतुकी कथा कौण सुनाता ?<BR/>--<BR/>yogindermoudgil.blogspot.comयोगेन्द्र मौदगिलhttps://www.blogger.com/profile/14778289379036332242noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-204253594725012219.post-45721839792159386662008-09-19T10:35:00.000-07:002008-09-19T10:35:00.000-07:00बहुत भली लाग्यी। ये मत पूच्छो क्यों। पर ई तो बताओ ...बहुत भली लाग्यी। ये मत पूच्छो क्यों। पर ई तो बताओ मौदगिल जी आप 18 महीने तक वहां क्या कर रहे थे।betuki@bloger.comhttps://www.blogger.com/profile/07470876741922199732noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-204253594725012219.post-57007264431091898302008-09-16T01:45:00.000-07:002008-09-16T01:45:00.000-07:00बडा मजेदार है हरियाणा एक्सप्रेस का सफर।बडा मजेदार है हरियाणा एक्सप्रेस का सफर।adminhttps://www.blogger.com/profile/09054511264112719402noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-204253594725012219.post-50252368321939136952008-09-10T07:53:00.000-07:002008-09-10T07:53:00.000-07:00अर् भई इब इस बैरी फ़ण्डेबज का बेरा ना पाटरया सै !यो...अर् भई इब इस बैरी फ़ण्डेबज का बेरा ना पाटरया सै !<BR/>यो कित सै आ लाग्या ? बेरा पाटण दो , इसका भी <BR/>इलाज करवाणा पडैगा !ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-204253594725012219.post-88496343958700106412008-09-10T07:46:00.000-07:002008-09-10T07:46:00.000-07:00दरअसल बात न्यूं थी अक् हमनै तो जरमनी के लट्ठ मंगवा...दरअसल बात न्यूं थी अक् हमनै तो जरमनी के लट्ठ मंगवाने थे ताऊ खात्तर<BR/>ताई नै चुपचाप कह्या था<BR/>फेर बताऒ मैं के करता<BR/>पोल-पट्टी तो खोलनीए थी फेर<BR/>एक बात होर <BR/>यू फंडेबाज तमास्सा देखण आ रहा सै<BR/>ताई तै बूझ कै इसका बी नंबर लाणा पड़ेगायोगेन्द्र मौदगिलhttps://www.blogger.com/profile/14778289379036332242noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-204253594725012219.post-38201735909765038012008-09-09T20:16:00.000-07:002008-09-09T20:16:00.000-07:00भाटिया जी , धन्यवाद ! आपने जो दो लट्ठ भिजवाये है !...भाटिया जी , धन्यवाद ! आपने जो दो लट्ठ भिजवाये है !<BR/>आज सुबह ही कोरियर वाले का फोन आया है की आपका<BR/> कोरियर कस्टम वालो ने रोक लीया है ! इसमे बंदूके दिख<BR/>रही हैं ! सो अभी मैं आज छुड़वा कर लाता हूँ ! <BR/><BR/>भई योगिंदर जी इब ज़रा समभलके रहणा , हथियार<BR/>घर में आ चुके हैं !:) धंधे भले अलग अलग हो गए हों ,<BR/>पूर्व पार्टनर अब भी एक दुसरे के साथ हैं सुख दुःख में !<BR/>हाँ आपने तिवारी साहब और भूतनाथ को जरुर थोडा<BR/>भड़का दिया है , पर उनको भी असलियत मालुम पड़ ही जायेगी !ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-204253594725012219.post-55188101413482572912008-09-09T11:14:00.000-07:002008-09-09T11:14:00.000-07:00योगेन्दर जी आप का धन्यवाद आप ने सारी पोल नही खोली,...योगेन्दर जी आप का धन्यवाद आप ने सारी पोल नही खोली, कोई ओर होता तो यह भी बता देता की इन चारो ने नाई की दुकान खोली, छ महीने कोई बाल काटना ना आया, पता कय़ू, वहां सारे सरदार रहते थे,शानदार सर्विस सैंटर दुसरी मंजिल मे इस लिये खोला था की वहा किराया कम था, लेकिन किस्मत ने साथ नही दिया,ओर हम ने पेसे बचाने के लिये पुराने बोर्ड पर लिख दिया था **शानदार सर्विस सैंटर देसी मिठ्ठाई की दुकान**यहां भी किस्मत ने साथ नही दिया, फ़िर टेक्सी पे लिख दिया था ड्राईवर सवारी की पंसद का, लेकिन किस्मत ही खराब थी,ओर जब गाव मे आने लगे तो धक्का मारने लगे तो पीछे जगह कम थी, सिर्फ़ दो आदमी ही धक्का लगा सकते थे, तो यह तिवारी भाई ओर भुत नाथ बोले हमारा हिस्सा भी हे हम कयो ना धक्का मारे तो यह दोनो आगे से धक्का मारने लगे , इस मे गलत क्या हुआ धक्का ही तो मारना था? भाई आदमी की किस्मत भी अच्छी जरुर होनी चाहिये...हमारी तो किस्मत ही ... तभी तो कोई धंधा नही चला.<BR/>भाई दोस्त हो तो योगेन्दर जी जेसा कुछ भी नही बताया बस थोडी तारीफ़ कर दी,<BR/><BR/>मेने आज ही दो नये लठ ताऊ के पते पर भेज दिये हे, लिस की किस्मत मे होगे उसे बजे गे<BR/>धन्यवदराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-204253594725012219.post-39666211118923391072008-09-09T03:06:00.000-07:002008-09-09T03:06:00.000-07:00भूतनाथ का आप सबको प्रणाम ! हमनरक से यह सब कहानी ही...भूतनाथ का आप सबको प्रणाम ! हम<BR/>नरक से यह सब कहानी ही पता करने आए थे की<BR/>हमारे साथ ये हुआ क्या था ? अच्छा हुवा आपने आगे से<BR/>ख़ुद ही खुलासा कर दिया ! असल में हमको हमारे यमलोक का<BR/>पता नही चल रहा है ! और हम अब ज्यादा दिन तक भूत बन कर नही <BR/>रहना चाहते ! सो हमको पता लगाना ही पड़ेगा ! पर आप यह तो बताओ की <BR/>आप जो किस्सा बता रहे हो यह कितने सौ साल पुराना है ! क्योंकि ५०० साल तौ<BR/>हमको भूत बने ही हो गए हैं ! और आप जिस भूतनाथ की बात कर रहे हो वो हम ही <BR/>हैं या कोई और ! वैसे हम भी अपने स्तर पर जांच कर ही रहे हैं ! भूत नाथ बदला लेना भी जानता है !भूतनाथhttps://www.blogger.com/profile/08246888424952274172noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-204253594725012219.post-20881777554235544602008-09-09T03:04:00.000-07:002008-09-09T03:04:00.000-07:00बहुत अच्छी चांडाल चौकडी इक्कठ्ठी हो गई है ! लगता ह...बहुत अच्छी चांडाल चौकडी इक्कठ्ठी हो गई है ! लगता है यहाँ अब कोई तमाशा जरुर होगा ! इंतजार करते है और देखते हैं !ताऊजीhttps://www.blogger.com/profile/15156113325400105875noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-204253594725012219.post-40535942333365353452008-09-09T01:56:00.000-07:002008-09-09T01:56:00.000-07:00बात आपकी बिल्कुल सही है ! ये सब धंधा फेल करवाने मे...बात आपकी बिल्कुल सही है ! ये सब धंधा फेल करवाने में <BR/>ताऊ और भाटिया जी का हाथ था ! क्योंकि इन दोनों को <BR/>रोहतक छोडकै विदेश जाने की लगी थी ! हम और भूतनाथ<BR/>तो टेक्सी को पीछे से ही धक्का देते थे ! और ताऊ और <BR/>भाटिया जी उसको आगे से पीछे धकेल रहे थे ! तो हम क्या <BR/>ऎसी तैसी करवाते ? इन दोनों ने हमको और भूत नाथ को तो <BR/>टेक्सी पकडा कर रोहतक में छोड़ दिया ! और ये दोनों तब के <BR/>गए अब मिले हैं !<BR/>और स्मार्ट इंडियन जी को भी सलाह लेने के लिए <BR/>हम दोनों खोजते रहे ! पर नही मिले ! लगता है ताऊ <BR/>और भाटिया जी के साथ ही स्मार्ट जी भी विदेश<BR/>निकल गए थे उसी समय ! <BR/><BR/>भूतनाथ अभी आराम कर रहे हैं ! वो उठ कर आपकी <BR/>बात सुनेंगे तो देखो क्या कहते हैं ! वैसे आपने ये पोल<BR/>पट्टी खोल के अच्छा किया ! अब यहाँ इस लोक में <BR/>भूतनाथ जी का आगमन हो चुका है तो "खत्री जी के<BR/>उपन्यास भूतनाथ" की तर्ज पर सब खुलासे भूतनाथ जी <BR/>स्वयम ही कर देंगे !दीपक "तिवारी साहब"https://www.blogger.com/profile/04863783412484935270noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-204253594725012219.post-20518111983531676742008-09-09T01:38:00.000-07:002008-09-09T01:38:00.000-07:00अर् . . मौदगिल जी इब म्हारै समझ म्ह आया की म्हारा ...अर् . . मौदगिल जी इब म्हारै समझ म्ह आया की <BR/>म्हारा धंधा क्यूँ नही चाल्या ? भाई भाटिया जी थम<BR/>इब तो समझ गे होगे ? यौ बैरी मौदगिल उडे बैठ्या <BR/>कविता सुनाया करता था ! और धंधा के ख़ाक करै थे ?<BR/>अणकी मीठी कविता सुनके शाम न घर वापस ! भाटिया <BR/>जी थम तो एक लट्ठ और भेजो ! अण कवि महाराज <BR/>गेल्यां भी ताई न लगानी पडैगी !<BR/><BR/>अर् भई कवि महाराज थमनै किम्मै बेरा भी सै ?<BR/>थमनै तो कविता सुना सुना क म्हारा धंधा चौपट <BR/>करवा दिया ! फ़िर हम सबनै गाम छोड़ कै परदेश <BR/>आणा पड़ गया ! और चलती समय भाटिया जी <BR/>बोले यह टेक्सी भूतनाथ को दे दो ! ये कमा खायेगा !<BR/>बाद में एक एक्सीडेंट म्ह भूतनाथ भी मारया गया !<BR/>और इब वो भूत बन्या घुमै सै ! सुन्या है की आजकल <BR/>वो तिवारी साहब धोरै आ लाग्या सै ! और आज ही <BR/>तिवारी अब अपनी पन्डताइन न ले के आया सै !<BR/>देखो बिचारे भूतनाथ का क्या होता है ? वैसे भूत नाथ जी <BR/>लगता है की सलाह लेने स्मार्ट भाईसाहब धोरै भी जा सके सै !<BR/><BR/>पर आज तक हम भी नही जानते थे यह राज तो ?ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-204253594725012219.post-24720421652441779092008-09-09T00:49:00.000-07:002008-09-09T00:49:00.000-07:00योगेद्र जी , ज़बरदस्त पोस्ट लगी आपकी ,आखरी का सीन ...योगेद्र जी , ज़बरदस्त पोस्ट लगी आपकी ,आखरी का सीन कमल का था ...मैं तो सोच सोच कर हंस रहा हूँ की टैक्सी आगे क्यों नही बढ़ी ....बहुत ही शानदार ....शुभकामनाएंविक्रांत बेशर्माhttps://www.blogger.com/profile/07105086711896834472noreply@blogger.com